लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लोहिया संस्थान, कैंसर संस्थान सहित पीजीआई में लगभग 10 हजार से अधिक आउटसोर्सिंग कर्मचारी तैनात हैं। कर्मचारियों की मांग के बाद भी पिछले कई वर्षों से वेतन नहीं बढ़ा है। कर्मचारी लगातार अधिकारियों से वेतन की बढ़ाने की मांग करते हुए एम्स कर्मचारियों के समकक्ष वेतन दिये जाने की गुहार की है।
बुधवार को संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री रितेश मल व महामंत्री सच्चिदानंद मिश्रा समेत अन्य पदाधिकारियों ने चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक को ज्ञापन दिया। महामंत्री सच्चिदानंद मिश्रा ने बताया कि चारों प्रदेश के उच्च संस्थान हैं। यहां पर कर्मचारियों पर वर्क प्रेशर ज्यादा होता है। कर्मी क्लीनिकल से लेकर प्रशासनिक स्तर पर लगातार कार्य करते रहते है। इसके बाद भी सभी को कम वेतन दिया जा रहा है। इससे कर्मचारी अपने आप को उपेक्षित समझते लगे है। लगातार मांग के बाद शासन ने वेतन को लेकर कमेटी भी गठित कर दी है। उनका मानना है कि अब उनकी समस्या का निदान हो जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि लोहिया संस्थान में वर्ष 2015 में शासी निकाय की बैठक में वेतन निर्धारण हुआ था। सभी कर्मचारियों का मानना है कि लगातार वर्क प्रेशर तो बढ़ रहा है लेकिन आठ वर्ष बाद एक रुपया भी नहीं बढ़ा है। लोहिया संस्थान प्रशासन ने हर साल आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बोनस देने का दावा किया था, लेकिन कोई बोनस नहीं मिल पाया है। आक्रोश प्रकट करने पर सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है।