लखनऊ। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक दवा कोलीन को मान्यता मिल चुकी है। इस दवा का बाहर के देशों में शिशुओं के शारीरिक और मानिसक विकास के लिए इस दवा का प्रयोग हो रहा है। यह दवा न्यूरल ट्यूब दोष यानी की मस्तिष्क, रीढ़ या रीढ़ की हड्डी के जन्मजात दोष को दूर करने में सफल पायी गय है। कोलीन का प्रयोग डॉक्टर की सलाह पर गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण के समय से शुरू कर देना चाहिए। यह जानकारी रविवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की प्रो.(डॉ.) मालविका मिश्रा ने दी है।
डा. मालविका रविवार को गोमतीनगर स्थित एक निजी होटल में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और इंडियन फर्टीलिटी सोसाइटी की तरफ से कार्यशाला में सम्बोधित कर रही थी। कार्यशाला में न्यूरल ट्यूब दोष, महिला और पुरुष बांझपन, गर्भाशय की बीमारी के इलाज की नवीन तकनीक और दवाओं पर चर्चा हुई है।
जिस पर डॉ. मालविका मिश्रा ने बताया कि एक शोध में सामने आया है कि केवल जन्मजात शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान दी जानी वाली फोलिक एसिड से विशेष लाभ नहीं मिल रहा था, लेकिन जब कोलीन सप्लीमेंट भी दिया गया। तो उसके बेहतर परिणाम सामने आये हैं। ऐसे में जो दंपति चाहते हैं कि उनके बच्चे का दिमाग तेज हो और किसी प्रकार की मानसिक और शरीरिक समस्या न हो, तो उन्हें डॉक्टर की सलाह पर कोलीन का सेवन गर्भावस्था के पहले दिन से शुरू कर देना चाहिए और जब तक स्तनपान जारी रहे, तब तक कोलीन का सेवन बंद नहीं करना चाहिए। इससे बच्चे का दिमाग तेज काम करेगा और शरीर के सभी अंग पूर्ण रूप से विकसित होंगे।
उन्होंने बताया कि बिना डाक्टर के परामर्श के इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश,राजस्थान और बिहार में देखा गया है कि कई बार ऐसे बच्चे जन्म लेते हैं जिनका शरीर पूर्ण विकसित नहीं होता। ऐसे में कोलीन का सेवन इस समस्या से निजात मिल सकता है। कार्यशाला में लोहिया संस्थान के निदेशक डा. सीएम सिंह ने कहा कि नये अपडेट में बांझपन को दूर करने के लिए नयी दवाओं के अलावा नयी तकनीक भी आ गयी है। जिसका प्रयोग विशेषज्ञ डाक्टर से सलाह के बाद प्रयोग किया जा सकता है।
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. चंद्रावती ने बताया कि बांझपन एक बड़ी समस्या होती जा रही है। उन्हों ने कहा कि बांझपन का इलाज कराते समय पुरुषों की भी पूरी जांच होनी चाहिए। इससे दंपत्ति को सही इलाज व जल्द बांझपन से निजात मिल सकती है।