लखनऊ। अगर शरीर पर दांतों के काटने के निशान है , तो अपराधी का पता आसानी से लगाया जा सकता है। यह बात किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के फॉरेंसिक ऑडेंटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. शालिनी गुप्ता ने
फॉरेंसिक ऑडेंटोलॉजी एंड चाइल्ड एब्यूज पर कार्यशाला में दी।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि घटना की जानकारी पता लगाने में बाइट मार्क (दांतों के काटने के निशान) महत्वपूर्ण होते हैं। घटना में यदि किसी के शरीर पर दांतों के निशान मिलते हैं, तो उसकी जांच की जा सकती है। संदिग्ध के आधार पर दांतों के निशान का मिलान किया जाता है। डा गुप्ता ने कहा कि इस जांच में भी फिंगर प्रिंट की तरह मिलान किया जाता है। दांत के निशान से यह भी पता लगाया जा सकता है कि यह उत्पीड़न के दौरान के हैं या फिर हाथा पाई के दौरान के है। कार्यक्रम में कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेताओं को पुरस्कृत भी किया।
जांच में जिंदगी भर आपने क्या क्या भोजन खाया? कब दूध पीना छोड़ा दिया ? इन सबका पता दांतों की जांच से लगाया जाने लगा है। यही नही इसके आधार पर व्यक्ति किस देश या प्रदेश का है। इसका पता भी लगाया जा सकता है। क्योंकि कही भी क्षेत्रवार भोजन पानी अलग है।
पंजाब विश्वविद्यालय के डॉ. जेएस सेहरावत ने बताया कि अजनाला के गुरुद्वारे में स्थित कुएं से 282 मानव कंकाल निकाले गए थे। इनकी पड़ताल की जिम्मेदारी पंजाब विश्वविद्यालय को वर्ष 2014 में सौंपी गयी। इन कंकालों पर शोध किया जा रहा है।