मरीज की आंखों की रोशनी भी नही गयी है।
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में गंभीर हालत में मरीज पहुंचा, जिसकी दुर्घटना में दायीं आंख अपने स्थान से हटकर नाक की हड्डी को तोड़ कर नीचे आ गयी थी। नेत्र रोग विभाग व ईएनटी विभाग के विशेषज्ञ डाक्टरों ने जटिल सर्जरी करके आंख को अपने स्थान करके रोशनी बचा दी। नाक की हड्डी की जुड़ गयी है। इस जटिल सर्जरी के लिए कुलपति केजीएमयू ने सर्जरी करने वाली टीम को बधाई दी है।
लखनऊ निवासी 74 वर्षीय मरीज 26 सितंबर सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए। दुर्घटना में इनकी दाई आंख बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी। आंख अपने स्थान से खिसककर, नाक की हड्डी को तोड़ते हुए नाक के नीचे आ गई। ट्रॉमा सेंटर के डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के उपरांत रोगी को नेत्र रोग विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां जांच में पाया गया कि दाई आंख और फलक फट गई है आैर यह आंख अपने स्थान से खिसक गयी है।
इलाज के लिए नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो अपजीत कौर के नेतृत्व में विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम गठित की गयी। टीम में नाक कान गला विभाग से डा वीरेंद्र वर्मा,एनेस्थिया से डा मनीष कुमार सिंह एवम अन्य डाक्टरों डा निभा मिश्रा, डा नीरज कुमार यादव और डा अंजली गुप्ता शामिल थे।
डा. वीरेन्द्र ने बताया कि जटिल सर्जरी थी।
इसमें आंख की रोशनी को प्रभावित किए बिना सर्जरी करना था। सर्जरी करने वाली टीम में विशेषज्ञता के अनुसार मरीज आंख को अपने स्थान पर लाते हुए फलक आैर नाक को ठीक किया। सर्जरी में विशेष तकनीक से आंख को इसके निश्चित स्थान पर स्थापित कर किया गया। फिर आंख की गति एवम रोशनी धीरे धीरे सामान्य स्थिति में लाने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ लगातार निगरानी करते रहे।