लखनऊ । पीजीआई में शनिवार रात भाजपा के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्रा के बेटे को पीजीआई की इमरजेंसी में बेड नहीं मिल पाया, जिससे समय पर इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गयी। समय पर इलाज न मिलने से नाराज पूर्व सांसद वही धरने पर बैठे गए। उन्होंने इमरजेंसी के डॉक्टर पर बेटे को भर्ती न करने का आरोप लगाया।
जानकारी मिलते ही पीजीआई निदेशक और सीएमएस इमरजेंसी पहुंचे और पूर्व सांसद को मान -मनौव्वल में जुट गये। उसके बाद परिजन शव लेकर चित्रकूट चले गए। फिलहाल निदेशक ने आरोपों के आधार पर जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। कमेटी में सीएमएस डा. संजय धीराज, एमएस डा. वीके पालीवाल, इमरजेंसी मेडिसिन विभाग प्रमुख डा. आर के सिंह शामिल है। सोमवार को कमेटी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
चित्रकूट निवासी भैरों प्रसाद मिश्रा बांदा लोक सभा से वर्ष 2014 में भाजपा के सांसद थे। पूर्व सांसद ने बताया कि बेटे प्रकाश मिश्रा की तबीयत बिगड़ने पर शनिवार की रात करीब 11 बजे पीजीआई की इमरजेंसी लेकर पहुंचे। पूर्व सांसद इमरजेंसी में तैनात ईएमओ डा. आर के बाजपेई से बेटे को भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाते हुए फरियाद करते रहे, लेकिन संवेदनहीन डॉक्टर ने भर्ती करना तो दूर बेटे को हाथ तक नहीं लगाया। करीब एक घंटे बाद बेटे ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। बेटे की मौत व डॉक्टर के भर्ती न करने से आक्रोशित पूर्व सांसद इमरजेंसी में ही धरने पर बैठ गए। पूर्व सांसद के धरने पर बैठने की जानकारी होने पर रात में ही पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन, सीएमएस डॉ. संजय धीराज के साथ इमरजेंसी पहुंचे। पूर्व सांसद ने इमरजेंसी के इएमओ पर बेटे को भर्ती न करने का आरोप लगाया। पूर्व सांसद के बेटे को गुर्दे की बीमारी थी। पीजीआई में नेफ्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो. नारायण प्रसाद की देखरेख में चल रहा था।
इसके बाद संस्थान निदेशक डॉ. आरके धीमन ने इमरजेंसी घटना के समय तैनात ईएमओ समेत एपीआरओ समेत अन्य को रविवार को बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली। पूर्व सांसद के बेटे का इमरजेंसी में भर्ती न करने पर सभी से पूछताछ की। भर्ती न करने पर नाराजगी जतायी। इसके अलावा इमरजेंसी में भर्ती मरीजों का ब्योरा तलब किया है।