बच्चे के पैर टेढे़ दिखे तो डॉक्टर को दिखाएं

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केजीएमयू में मुफ्त में हो रहा है टेढे़ मेढ़े पैर वाले बच्चों का इलाज

केजीएमयू में तीन हजार बच्चों के ठीक किए गए पैर

 

लखनऊ। यदि जन्म के कुछ समय बाद बच्चे के पैर टेढे दिखे तो केजीएमयू के पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग में दिखाएं। यहां टेढ़े मेढ़े पैर वाले बच्चों का मुफ्त में इलाज किया जा रहा है। जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा, उतने की कम समय में फायदा मिलता है। केजीएमयू में करीब डेढ साल में तीन हजार बच्चों के पैर ठीक किए जा चुके हैं। बुधवार को यह संख्या तीन हजार पूरा होने पर विभाग में जश्न मनाया गया। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का पैर ठीक करने वाला केजीएमयू प्रदेश का पहला और देश का दूसरा संस्थान बन गया है।

 

केजीएमयू पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभागाध्यक्ष प्रो अजय सिंह ने बताया कि हड्डियों और जोड़ों के जन्मजात विकार की वजह से यह समस्या होती है। इसे क्लब फुट कहते हैं। केजीएमयू में इसका मुफ्त में इलाज किया जा रहा है। पैर को खींचकर और मोड़कर बाहर और ऊपर की तरफ कर दिया जाता है। इसके बाद पैर की अंगुलियों से लेकर जांघ के ऊपरी हिस्से तक प्लास्टर चढ़ा दिया जाता है। दो हफ्ते बाद फिर देखा जाता है और उसी हिसाब से दोबारा प्लास्टर लगाया जाता है। इस तरह करीब छह से आठ बार प्लास्टर लगाने से पैर में सुधार हो जाता है। सिके बाद खास तरह के जूते तैयार कराए जाते हैं। करीब 10 प्रतिशत बच्चों में सर्जरी की जरूरत पड़ती है। बच्चों के इलाज के लिए केजीएमयू को क्लब फीट इंटरनेशनल इंडिया और आरबीएसके संस्था की ओर से भी सहयोग किया जा रहा है। बच्चों का इलाज करने वाली टीम में प्रो अजय सिंह के साथ डा. नजमुल, डा. विकास वर्मा, डा. सुरेश चंद्रा, डा. सईद फैजल, डा. प्रभाकर पांडेय, डा. अभिनव भरत, डा. हासिम शामिल हैं।

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