न्यूज। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी शिवकुमार पारीक का पांच मार्च दिन शनिवार को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बेहतर इलाज के लिए उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उन्होंने जीवन की अंतिम सांस ली।
शिवकुमार पारीक अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सहायक के साथ ही उनके हर राजनीतिक उठा पटक में साथ रहे। अटल बिहारी की अनुपस्थिति में सालों तक शिवकुमार ने ही लखनऊ संसदीय क्षेत्र को संभाला। शिव कुमार पारीक और अटल बिहारी वाजपेयी के बीच पांच दशक का नाता रहा। शिव कुमार पारीक मूल रुप से राजस्थान के जयपुर के रहने वाले थे।
वर्ष 1968 में अटल बिहारी वाजपेयी का कद राजनीति में दिनों दिन बढ़ता जा रहा था।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की रहस्यमय हालात में हुई मौत से जनसंघ उस समय हिल गया था।
ऐसे में संघ को किसी ने सलाह दी कि अटल जी को कोई मजबूत सहयोगी उपलब्ध करवाया जाना चाहिएं जो दिन रात उनके साथ रहे। उस वक्त नाना जी देशमुख ने संघ से जुड़े अधिवक्ता शिवकुमार पारीक का नाम सुझाया गया। लंबी-चौड़ी कद काठी और दबंग छवि वाले शिवकुमार उन दिनों सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे थे। सब कुछ छोड़कर अटल बिहारी के साथ रहने का प्रस्ताव उन्होंने स्वीकार तो कर लिया मगर एक शर्त पर कि इसके बदले वो कुछ लेंगे नहीं।