मौत के बाद पांच को नयी जिंदगी दे गये प्रदीप

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लखनऊ। रोड एक्सीडेंट के बाद ब्रेन डेड हो गये प्रदीप विश्वकर्मा पांच लोगों को जीवन दान दे गये। ब्रेन डेड के बाद परिजनों की अनुमति के बाद उनकी दोनों किडनी पीजीआई में प्रत्यारोपित की गयी, लिवर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में प्रत्यारोपित किया गया, जब कि कार्निया दो लोगों की जिंदगी में उजाला कर गयी। स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सॉटो) ने पीजीआई और केजीएमयू के विशेषज्ञ डाक्टरों के साथ यातायात पुलिस व अन्य सहयोगी स्टाफ की टीमों के सहयोग से शनिवार को 49 वर्षीय एक ब्रोन डेड मरीज के अंगों से पांच लोगों को नयी जिंदगी दी गयी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

सात जून को आशियाना निवासी प्रदीप विश्वकर्मा रोड एक्सीडेंट में घायल हो गये थे। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर हालात ज्यादा गंभीर होने पर केजीएमयू रेफर किये गये। यहां पर डाक्टरों ने ब्रोनडेड घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों को अंगदान कराने के लिए टीमों ने बातचीत शुरू की। इसके अलावा इसकी सूचना सॉटो यूपी के नोडल ऑफीसर व एसजीपीजीआई के हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के प्रमुख डॉ राजेश हर्षवर्धन को सूचना मिली कि केजीएमयू में एक्सीडेंट का शिकार हुए प्रदीप कुमार विश्वकर्मा को डाक्टरों ने ब्रोन डेड घोषित कर दिया है। इसके साथ ही परिजन अंगदान कराने के लिए तैयार है। इसके तुरंत बाद से ही सॉटो का प्रबंधन शुरू हो गया।

 

 

 

 

 

 

परिजनों की सहमति के बाद एक टीम ने ब्रोनडेड मरीज के अंगों की जांच की अौर ओके करने के बाद एक दूसरी टीम अंगों को निकालने का काम शुरू कर दिया। सम्बन्धित अंग का प्रत्यारोपण के लिए दूसरी टीमें उन अंगों को वेंटिग में चल रहे मरीजों में प्रत्यारोपण की तैयारी शुरू कर दी। इस कार्य में एसजीपीजीआई और केजीएमयू के डाक्टरों की टीम जुट गयी। लिवर प्रत्यारोपण के लिए गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. अभिजीत चंद्रा के साथ अन्य डाक्टरों की टीम लग गयी। वही पीजीआई में डाक्टरों की टीम ने किडनी प्रत्यारोपण की तैयारी शुरू कर दी। उधर केजीएमयू प्रशासन ने पुलिस और अंग को केजीएमयू से एसजीपीजीआई तक लाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों से सम्पर्क कर ग्रीन कॉरिडोर बनाना सुनिश्चित किया गया। लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले केजीएमयू के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ अभिजीत चंद्रा ने बताया कि लिवर का सफल प्रत्यारोपण 55 वर्षीय महिला मरीज में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तीसरा कैडबर लिवर प्रत्यारोपण है। इससे पहले 13 लिवर प्रत्यारोपण हो चुके है। वही एसजीपीजीआई के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ अनीश श्रीवास्तव, नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रो नारायण प्रसाद और उनकी टीम ने तेजी से किडनी प्रत्यारोपण की तैयारी शुरू कर दी। देर शाम तक केजीएमयू व पीजीआई में एक पुरुष व एक महिला को किडनी प्रत्यारोपण करने में विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम जुटी हुई थी।

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