लखनऊ। सरोजनीनगर में बुखार से पीड़ित किशोर की शुक्रवार मौत हो गयी। परिजनों का आरोप है कि निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने किशोर का सही इलाज नहीं किया, जिससे मौत हो गयी। आरोप है कि धन उगाही के कारण खातिर बच्चे को भर्ती रखा। हंगामे के बाद किशोर को पीजीआई रेफर किया। जहां इमरजेंसी में इलाज के दौरान किशोर की सांसें थम गईं।
सरोजनीनगर के उचित खेड़ा निवासी शिवा सिंह (18) को सात दिन से बुखार आ रहा था। पिता सुरेश सिंह ने बताया कि पहले स्थानीय डॉक्टर से इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिर निजी अस्पताल में बच्चे को भर्ती कराया। यहां जांच में डेंगू की रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके बावजूद प्लेटलेट्स काउंट 44 हजार से नीचे आ गयी। डॉक्टर को लगातार घटते प्लेटलेट्स काउंट की जानकारी दी गई। इसके बावजूद डॉक्टर ने दवाएं नहीं चेंज की।
हालत ज्यादा बिगड़ने के बाद हंगामा कर किशोर को जबरन डिस्चार्ज कराया। बुधवार को पीजीआई इमरजेंसी में बच्चे को भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों ने जांच के बाद उसकी हालात नाजुक बताई। गुरुवार सुबह किशोर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। परिजनों ने निजी अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। आरोप है यदि डॉक्टर बच्चे को रेफर कर देते तो शायद किशोर की जान बच जाती। बताया जाता है कि गांव में आधा दर्जन लोग बुखार की चपेट में हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है।