लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में ऑन लाइन घोटाले में शासन से आयी आडिट टीम ने डाटा एकत्र करके ले गयी है। बताया जाता है कि ऑन लाइन फीस घोटाले में कर्र्मचारियों सहित कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
करीब सात महीने पहले सामने आये ऑनलाइन फीस घोटाले की शुरूआत वर्ष 2019 से हो चुकी थी। तभी से यह ऑनलाइन जमा होने वाली फीस संस्थान के खाते में नहीं पहुंच रही थी, हालांकि बताया जाता है कि कोरोना काल में घोटाले बाज सम्हाल कर काम कर रहे थे, लेकिन साल 2021 के बाद इस मामले में खुलास हो गया। इस मामले में शासन की तरफ से आई ऑडिट टीम भी जांच कर रही है। ऑडिट टीम ने बैंक और लोहिया संस्थान से डेटा इक्कठा किया है।
संस्थान में मरीजों द्वारा जमा किया गया पैसा और बैंक स्टेटमेन्ट में अंतर सामने आने के बाद इसकी जानकारी लोहिया संस्थान प्रशासन को हो पाई थी । इस पर लोहिया संस्थान की निदेशक प्रो. सोनिया नित्यानंद ने 16 मार्च को ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ था। ऑनलाइन फीस घोटाले में आरोपित चार आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के खिलाफ मुकदर्मा दर्ज कराने के साथ ही उन्हें संस्थान से बाहर कर दिया गया था, लेकिन जांच में अभी तक कोई बड़ा अधिकारी या कर्मी पर आरोप तय नहीं हो सकता है,जब कि संस्थान के जानकारों का मानना कि बिना बड़े अधिकारी का संरक्षण मिले हुए संविदा कर्मी घोटाले नहीं कर सकते है।
लोहिया संस्थान की निदेशक प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद क कहना है कि शासन की तरफ से आयी ऑडिट टीम आगे की कार्रवाई के लिए बैंक व लोहिया संस्थान से डेटा लिया है।