लखनऊ। सर्वाइकल कैंसर से बचाव की वैक्सीन मौजूद है। यदि इसकी जानकारी हमें होती, तो प्रदेश में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन को प्राथमिकता के आधार पर लगवाने का प्रयास किया जाता। यह जानकारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को लोहिया संस्थान के एकडमिक ब्लॉक में सर्वाइकल कैंसर व एचपीवी टीकाकरण जागरुकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे। इस मौके पर राज्यपाल व उपमुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों का स्वागत शंख भेंट कर किया गया।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कहा कि परिवार में मां, बहू और बेटी को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए यह वैक्सीन आवश्यक है। इस बीमारी से बचाव के लिए होने वाला खर्च नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आंकड़ों को देखें तो सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित 60 प्रतिशत महिलाओं की मौत हो जाती हैं। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सीएसआर फंड का उपयोग उन स्कूलों में अधिक किया जाएगा, जिनके अभिभावक वैक्सीनेशन नहीं करा सकते हैं। उन्हें निशुल्क वैक्सीनेशन किया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में बसे परिवार को मैंने अपने खर्च पर सबका वैक्सीनेशन कराया है। उन्होंने कहा कि लोगों के पास धन की कमी नहीं है। बस ऐसे लोगों की तलाश करना आवश्यक है। अवश्य मदद मिलेगी। राज्यपाल ने कहा कि मैंने विश्वविद्यालय और कॉलेजों से आंगनबाड़ी में खेल किट देने का अनुरोध किया। अब तक दो हजार आगंनबाड़ी में 12 करोड़ की किट उपलब्ध हो चुकी है।
एक डॉक्टर को तैयार करने में सरकार का एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च होते हैं। नए डॉक्टर कम से कम 10 या 20 रुपये ले सकते हैं। ताकि समाज को कुछ तो फायदा मिल सके। राज्यपाल ने अस्पताल खोलकर फ्री इलाज देने की सीख दी। उन्होंने कहा कि नयी सरकार बनी है। उसे तय करना चाहिए, जितनी बच्चियों के लिए हो सके मदद करें।
डिप्टी सीएम ब्राजेश पाठक ने कहा कि घातक कैंसर बीमारी है। इसके लिए जन जागरुकता आवश्यक है। तभी कैंसर से मुकाबला आसान होगा। नुक्कड़ नाटक जागरुकता फैलाने का बेहतर माध्यम है। संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। जागरुकता से इस कैंसर पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नौ से 14 साल की बेटियों को वैक्सीन की दो डोज लगानी पड़ती है। वैक्सीन 95 प्रतिशत तक कैंसर से बचाव में सफल है। यह कैंसर ह्यूमन पैप्लोमा वायरस (एचपीवी) से होता है। वैक्सीन की एक खुराक करीब तीन हजार रुपये तक होती है, लेकिन सरकारी महिला अस्पतालों यह वैक्सीन निशुल्क लगायी जा रही है। वैक्सीन से अब तक 225 बेटियों को वैक्सीन लगायी जा चुकी है। कार्यक्रम में संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. दीपक मालवीय, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश, डॉ. एपी जैन, सीएमएस डॉ. राजन भटनागर समेत अन्य लोग मौजूद रहे।