हल्के में न लें, विटामिन डी की कमी से कई जटिल बीमारियां होने की संभावना

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लखनऊ। इंडियन सोसायटी फार बोन एंड मिनरल रिसर्च के 20 वीं कान्फ्रंे स में डा. सुशील गुप्ता ने कहा कि विटामिन डी की कमी आैर खाद्य पदार्थो के फोर्टिफिकेशन नहीं होने से कैं सर के मामले बढ़ रहे है।

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कान्फ्रंे स में विशेषज्ञों ने एक मत से कहा कि डायबिटीज मरीजों में विटामिन डी की कमी होना मरीज को दिक्कत पैदा कर सकता है। कान्फ्रंे स में विशेषज्ञ डाक्टरों ने विभिन्न बीमारियों पर चर्चा की गयी।
डा. गुप्ता ने कहा कि देश में विटामिन डी की कमी बहुत आम बात है। देखा जाए तो यह लगभग 95 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करती है। यह भारत में खाद्य पदार्थो के फोर्टिफिकेशन की कमी के कारण है। डायबिटीज के मरीजों में विटामिन डी की कमी होने से कई दिक्कतें बढ़ जाती है। डा. सुशील ने कहा कि आस्टियोपोरोसिस फ्रैक्चर का कारण बनता है।

डा. अमित अग्रवाल ने बताया कि भारत में स्तन कैंसर बढ़ रहा है। स्तन कैंसर के इलाज में विभिन्न दवाएं साइड इफेक्ट कें हड्डी का कमजोर करती है। यही आस्टियोपोरोसिस का कारण बनती है। अब नयी अपडेट दवाएं आ गयी है, जो कि इलाज में बेहतर साबित हो रही है।

उन्होंने बताया कि क्रोनिक किडनी रोग, क्रोनिक लिवर रोग, अंग प्रत्यारोपण, ब्लड कैंसर, के रोगियों में अक्सर हड्डी कमजोर हो जाती है। अगर देखा जाए तो आस्टियोपोरोसिस सबसे उपेक्षित सार्वजनिक हेल्थ समस्या है। आंकड़ों को देखा जाए तो महिलाओं में चालीस प्रतिशत आैर लगभग बीस प्रतिशत बुजुर्ग पुरुषों में होती है।

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