15 साल बाद तीन डॉक्टरों को उम्रकैद

0
677

न्यूज। मेडिकल कॉलेज मेरठ में 15 साल पहले एमबीबीएस के द्वितीय वर्ष के छात्र सिद्धार्थ चौधरी की हत्या के मामले में तीन डाक्टरों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोषियों पर एक-एक लाख का अर्थदंड भी लगाया गया है। अदालत ने इस मामले में तत्कालीन प्राचार्य ऊषा शर्मा को भी तलब किया है। इसकी सुनवाई अलग से होगी।
अभियोजन के अनुसार छह जुलाई 2004 को द्वितीय वर्ष के छात्र सिद्धार्थ चौधरी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। उसकी लाश हॉस्टल के कमरा नंबर 38 में मिली थी। यह कमरा सचिन मलिक को आंवटित था। मृतक के माता-पिता मुजफ्फरनगर में डॉक्टर हैं। उन्होंने बेटे की मौत को संदिग्ध मानते हुए प्राचार्य से शिकायत की थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया था कि यह मौत स्वाभाविक नहीं है आैर यह हत्या है।

Advertisement

मृतक के पिता डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने चार अगस्त 2004 को थाना मेडिकल में साथी छात्र सचिन मलिक, अमरदीप सिंह, यशपाल राणा आैर तत्कालीन प्राचार्य ऊषा शर्मा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने 2006 में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। इस पर डॉ. सुरेंद्र ने एफआर के खिलाफ कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटिशन दाखिल की। सुनवाई के बाद अदालत ने नामजद तीन आरोपियों के तलब कर लिया जबकि ऊषा शर्मा की एफआर कोर्ट ने स्वीकार कर ली।
इस मामले की सुनवाई एडीजे-एक गुरप्रीत सिंह बावा की अदालत में हुई। सरकारी वकील नरेश दत्त शर्मा, वादी के अधिवक्ता योगेन्द्रपाल सिंह चौहान, गौरव प्रताप ने वादी सहित कुल 20 गवाह अदालत में पेश किए।

बयानों व साक्ष्य के आधार पर अदालत ने तीनों आरोपियों को सचिन मलिक निवासी छपरौली बागपत, अमरदीप सिंह निवासी गुरदासपुर व यशपाल राणा निवासी मुजफ्फरनगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रत्येक को एक-एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अदालत ने तत्कालीन प्राचार्य मेडिकल कॉलेज ऊषा शर्मा को भी हत्या के आरोप में तलब किया है। इसकी सुनवाई अलग से होगी। वादी के अधिवक्ता योगेन्द्रपाल सिंह ने बताया कि इस मामले में दोषी करार दिए गए तीनों अभियुक्त एमबीबीएस करके डॉक्टर बन चुके हैं।

अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.

Previous articleदूध के दाम बढे….
Next articleडाक्टरों के खिलाफ हिंसा पर रोक लगाने संबंधी विधेयक ठंडे बस्ते में

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here