17किडनी व लिवर डोनेट होने के साथ ही डोनर अवेयरनेस कर आर्गन डोनेट कराने में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविधालय ने इतिहास रच दिया है। आज 17 वे डोनर की किडनी को एसजीपीजीआई व लिवर को दिल्ली के अस्पताल प्रत्यारोपण के लिए भेज दिया गया है। लिवर को ग्रीन कारीडोर बना कर अमौसी एयर पोर्ट भेजा गया। इसमें शाम के वक्त सडको को नियंत्रित करने में यातायात करने में यातायात पुलिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। लिवर को शाम को एयरपोर्ट से दिल्ली भेज दिया गया। उधर किडनी को पीजीआई भेज कर प्रत्यारोपण की तैयारी शुरु कर दी गयी। बताते चले कि मुम्बई निवासी महेश जायसवाल अपने ससुराल प्रतापगढ आये थे।
पत्नी ललिता ने अंगदान करने की अनुमति दे दी –
यहां 3 नवम्बर को टेम्पो से जाते वक्त उनका एक्सीडेंट हो गया। यहां पर हालत गंभीर होने पर इलाहाबाद रेफर किया गया यहां पर भी कोई फायदा नही होने पर शहर के निजी अस्पताल भेजा गया। यहां पर भी सुधार न होने पर केजीएमयू के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। यहां पर भी अंगफेल होने की आशंका होने लगी तो अंगदान करने के लिए परिजनों को जागरुक किया जाने लगा। पत्नी ललिता ने अंगदान करने की अनुमति दे दी।
केजीएमयू ने इतिहास रच दिया है –
महेश के एक छह वर्ष व दूसरी 16 वर्षीय बेटी है। अंगदान जागरुकता में प्रमुख रुप से जुडे डा परवेज ने बताया कि अंगदान करने में लोगो जागरुक करके अंगदान कराने में केजीएमयू ने इतिहास रच दिया है। अब इतने लोगो को जागरुक करके अंगदान कराने में कोई भी चिकित्सा संस्थान नही कर पाया है। केजीएमयू ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने बताया कि इसमें केजीएमयू में भी तीन किडनी सफलता पूर्वक प्रत्यारोपण कर चुके है। जल्द ही यहां भी प्रत्यारोपण शुरु कर दिया जा सका है।