लखनऊ। राज्यपाल आंनदी बेन पटेल के कहा है कि डाक्टर व्यक्तिगतहित में नहीं समाजहित में सेवा करें। संवेदनशील होकर मरीज की पीड़ा को समझे आैर बेहतर इलाज करें। राज्यपाल शनिवार को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के 17 वें दीक्षांत समारोह में सम्बोधित कर रही थी। समारोह में राज्यपाल ने हीवेट, चांसलर व चिकित्सा विश्वविद्यालय तीनों महत्वपूर्ण मेडल जीतने वाले अहमद जुबैर सहित अन्य मेधावियों को मेडल प्रदान किया। इसके साथ ही स्कूली बच्चों को पुरस्कार दिया गया। समारोह में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना संिहत अन्य वरिष्ठ डाक्टर मौजूद थे। दीक्षांत समारोह में कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया गया था।
राज्यपाल ने कहा कि बेटियां पढ़ाई में अग्रणी होती जा रही है। देखा जाए तो 80 प्रतिशत मेडल व अन्य पुरस्कारों पर बेटियां कब्जा जमा रही हैं। यह खुशी की बात है, परिवर्तन हो रहा है। अच्छा लग रहा है। बेटियां मेहनत का संदेश दे रही है, लेकिन बेटें क्यों पिछड़ रहे हैं। विशेषज्ञ बेटों के पिछड़ने की कारण तलाश करें, ताकि इसका सुधार किया जा सके। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना से बेटों के पिछड़ने के कारण पता लगाने के लिए कहा।
राज्यपाल ने कहा कि नारी शक्ति आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अब तक वह 30 विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत कर चुकी हैं। देखा जाए 80 प्रतिशत में छात्राओं को मेडल मिले हैं। उन्होंने कहा कि पहले छात्राओं को पढ़ाई का मौका नहीं मिलता था। बेटी के केंद्र में सिर्फ ब्याह होता था। अब वह हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
केजीएमयू के डॉक्टर विश्व्सतर पर मुकाम बना चुके हैं। देखा जाए तो अमेरिका में तो हर सातवां डॉक्टर भारतीय है। राज्यपाल ने कहा कि केजीएमयू जार्जियन का पोर्टल बनाया। विश्वस्तर पर मुकाम हासिल करने वाले डॉक्टर उसमें नई चिकित्सा तकनीक को अपडेट कर सके। इससे मरीजों को सस्ता इलाज मिल सके। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के लिए मरीज मेडिकल केस नहीं हैं। वे पीड़ा के साथ आते हैं। इसलिए डॉक्टर व्यवहार कुशलता के साथ पेश आएं।
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में रोबोट सर्जरी और ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। इसका इस्तेमाल बढ़ाने की जरूरत है। नई तकनीक मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में अधिक कारगर साबित हो सकती है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सेवा से ही संतुष्टि प्राप्त की जा सकती है। डॉक्टर आचरण और व्यवहार पर विशेष ध्यान दें। डॉक्टर भगवान के बाद लोगों को जीवन देते हैं। इस ओर ध्यान देना चाहिए। पश्चिमी देशों ने चिकित्सा क्षेत्र में तरक्की की है। हमें बीमारियों के शोध पर विशेष ध्यान चाहिए।
मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि गुजरे वर्षों में प्रदेश ने मेडिकल की पढ़ाई व इलाज के क्षेत्र में नए मुकाम हासिल किए हैं। पहले प्रदेश में एमबीबीएस की सरकारी व निजी हॉस्पिटल में 4520 सीटें थीं। पांच वर्षों में सीटों की संख्या बढ़कर 8128 हो गई है। उन्होंने कहा कि केजीएमयू ने एक प्रयोगशाला में कोरोना की जांच शुरू करी। करीब 30 लाख जांचें अब तक हो चुकी है। 10 हजार से अधिक कारोना मरीजों को इलाज मुहैया कराया। इनमें 90 फीसदी से अधिक मरीज ठीक हुए।
दीक्षांत समारोह में केजीएमयू के इतिहास पर आधारिक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। इसे डॉ. आमोद सचान, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ. शीतल वर्मा और डॉ. अनुराधा ने तैयार किया। इसकी सभी ने सराहना की। इस मौके पर सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चों को बुलाकर राज्यपाल ने बैग और किताबें भेंट की।