न्यूज। प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए 19 नये एम्स में आयुर्वेद विभाग खोले जाएंगे। इस वर्ष मंत्रालय ने’ सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद ” थीम को पूर्णता प्रदान करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और इसके साथ ही’गैर संचारी रोगों की रोकथाम”नामक राष्ट्रीय कार्यक्रम का दायरा मौजूदा छह राज्यों से और ज्यादा बढ़ाने का निर्णय लिया है। आयुष राज्य मंत्री श्रीपद येशो नाईक ने सोमवार को यहां तीसरे आयुर्वेद दिवस का शुभारंभ करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि श्रम मंाालय के अधीनस्थ 100 ईएसआईसी अस्पतालों में आयुर्वेद विभाग खोलने की दिशा में पहले ही काम शुरू हो चुका है। इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और अन्य अद्र्ध सैन्य बलों के सात अस्पतालों में आयुर्वेद विभाग खोलने के लिए गृह मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त हो चुकी है।
श्री नाईक ने कहा कि इस वर्ष मंत्रालय ने’सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद”थीम को पूर्णता प्रदान करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और इसके साथ ही’गैर संचारी रोगों की रोकथाम”नामक राष्ट्रीय कार्यक्रम का दायरा मौजूदा छह राज्यों से और ज्यादा बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मंाालय आयुर्वेद और आयुष क्षेा में उद्यमिता बढ़ाने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के सहयोग से 50 कार्यशालाएं आयोजित करेगा। .
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आयुर्वेद के साथ-साथ अन्य भारतीय चिकित्सा प्रणालियों से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने आयुष चिकित्सा प्रणालियों के वैज्ञानिक एकीकरण पर विशेष जोर दिया। युवा उद्यमियों को संवेदनशील बनाने और आयुर्वेद में कारोबार के अवसरों की तलाश के लिए आयोजित की गयी संगोष्ठी की सराहना की।
आज धनवंतरी जयंती के अवसर पर देश भर में तीसरा आयुर्वेद दिवस मनाया गया। आयुर्वेद दिवस समारोह के एक हिस्से के रूप में मंाालय ने चार एवं पांच नवम्बर को नीति आयोग के सहयोग से’आयुर्वेद में उद्यमिता एवं व्यावसायिक विकास”पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की, जिसका उद्देश्य आयुर्वेद क्षेा में उपलब्ध कारोबारी अवसरों की ओर उद्यमियों और आयुर्वेद के हितधारकों को प्रोत्साहित करना था।
राष्ट्रीय धनवंतरी आयुर्वेद पुरस्कार भी प्रदान किए गए। तीसरे आयुर्वेद दिवस पर आयोजित मुख्य समारोह में देश भर के लगभग 800 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रतिष्ठित वैद्यों को’राष्ट्रीय धनवंतरी आयुर्वेद पुरस्कार”प्रदान किए गए। इस वर्ष वैद्य एस.के. मिश्रा, प्रो. एम.एस. बघेल और डॉ. इतुझी भवदशन को आयुर्वेद के संवर्धन में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए ये प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। पुरस्कार प्राप्त करने वालों को पांच लाख रुपये नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पा प्रदान किया जाता हैं।
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