20 फीसदी गर्भवती एनीमिया की चपेट में

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पीजीआई में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह पर जागरूकता कार्यक्रम
 

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लखनऊ  । 40 फीसदी गर्भवती महिलाएं पोषक तत्वों से आहार नहीं लेती है। इसके पीछे सामाजिक और आर्थिक कारण है। इनमें 20 फीसदी तो केवल दो वक्त का साधारण भोजन ही ले पाती है। पोषक तत्वों की कमी के कारण हीमोग्लोबिन की कमी, गर्भस्थ शिशु का कम विकास, समय से पहले प्रसव सहित कई परेशानी होती है। यह जानकारी संजय गांधी पी जी आई के मैटर्नल एंड रीप्रोडेट्किव हेल्थ विभाग में पोषण जागरूकता सप्ताह के मौके पर पोषण विशेषज्ञ डा.मोनिका दीक्षित ने दिया। डा. मोनिका ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को विशेष पोषण की जरूरत होती है क्योंकि दो जीवन होता है। इसके लिए खाने में दूध और दूध से बने पदार्थ, हरी सब्जी, दाल , नींबू, आंवला , अंडा , मछली को नियमित आहार में शामिल करने की जरूरत है।

 

 

 

 

 

 

 

 

्देखा गया कि पोषक तत्वों की कमी के कारण 20 फीसदी महिलाएं एनीमिया की  शिकार है। इनमें हीमोग्लोबीन 8 से 9 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर मिला। कच्चा केला हीमोग्लोबिन बढाने के सबसे सस्ता और अच्छा आहार है। कच्चे केले में ऐसा आयरन होता है तो सीधे शरीर में घुल जाता है। इसकी लोहे की कड़ाही में सब्जी बना कर आहार में शामिल करना चाहिए।

 

 

 

एल्यूमिनियम , नान स्टिक कड़ाही में सब्जी नहीं बनाना चाहिए सामान्य लोगों को लोहे की कड़ाही में सब्जी बनाना चाहिए। इस मौके पर विभाग की प्रमुख प्रो. मंदाकिनी प्रधान, प्रो. नीता सिंह, प्रो. इंदु लता साहू, प्रो. अमृता गुप्ता सहित अन्य विभाग के विशेषज्ञ शामिल हुए। 150 से अधिक गर्भवती महिलाओं को पोषण संबंधी सलाह दिया गया।

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