लखनऊ। बाराबंकी शराब कांड में जिंदगी के लिए संघर्ष करते हुए किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय आये मरीजों को यहां के डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ ने दिन रात मेहनत करके मौत के मुंह से खींच लाए। लगातार जद्दोजहद करने के बाद 22 मरीजों को नया जीवन दे दिया। ठीक होने बाद बृहस्पतिवार को 22 मरीजों को डिस्चार्ज करके उनके परिजनों के साथ भेज दिया गया। जाने से पहले मरीजों को दोबारा शराब न पीने की शपथ दिलायी गयी। ट्रामा सेंटर में अभी 23 मरीज अभी भी ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं। इनमें नौ मरीज अभी क्रिटकल केयर यूनिट में आैर उनकी हालत गंभीर बनी है।
ट्रॉमा सेंटर के फै कल्टी प्रभारी डॉ. सुरेश कुमार के नेतृत्व में डाक्टरों की टीम बाराबंकी शराब पीड़ितों का इलाज कर रही है। विशेषज्ञ डाक्टरों के अलावा रेजीडेंट डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम दिन रात जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे मरीजों के इलाज में लगी रही। यही नही डॉ. सुरेश कुमार के साथ में डॉ. सुधीर वर्मा और डॉ. माधवी गौतम ने तो मरीजों का स्ट्रेचर को खींंच कर आपदा प्रबंधन वार्ड में पहुंचाया। आलम यह था कि स्ट्रेचर पर मरीजों को ले जाते हुए भी उनका इलाज किया जा रहा था। इलाज करने वाले डाक्टरों का कहना है कि कुछ मरीज गंभीर नहीं लग रहे थे, लेकिन उनकी हालत बिगड़ रही थी। जिनकी बाद में तत्काल डायलिसिस कराने के लिए भेजना पड़ा।
अगर देर हो जाती तो किडनी फेल भी हो सकती थी। आपदा प्रबंधन वार्ड से मरीजों को क्रिटकल केयर की अलग – अलग यूनिटों शिफ्ट करने के लिए दुर्गेश, सतीश, शिवा, विनोद की टीम जुटी रही। वहीं मरीजों की जांच की जिम्मेदारी पंकज, अम्मार, हरीश सीताराम, कौशतुब की थी। रेजिडेंट नीरज व कृष्णा ने बताया कि शराब पीड़ितों की खास कर आंखों को बचाना चुनौती था। इस लिए जल्द से जल्द मरीजों का बेहतर इलाज मुहैया कराते हुए उनकी जिंदगी बचा ली गयी।
डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि डॉक्टरों की कड़ी-मेहनत मशक्कत के बाद मरीजों का जीवन बचाने में कामयाबी हासिल की है। जहरीली शराब के मामले में पीड़ितों के लिए 48 घंटे अहम होते हैं।
बाराबंकी शराब कांड के यह मरीज आज हुए डिस्चार्ज
देव शरण, जंगली, तिलक राम, राजा राम, पप्पू, सहज राम, दया शंकर, विक्रम, नेमकुमार, छेदी प्रसाद, पप्पू, राजकुमार, बुद्धु , सुलेख चन्द्र, राजेश, रामू, प्रमोद, लक्षीराम, दया राम, गया बक्श, कल्लू, रामनरेश को डिस्चार्ज किया गया। ट्रॉमा सेंटर में अभी भी 23 मरीज भर्ती हैं। इनमे नौ मरीजों की हालत गंभीर बनी है। वेंटिलेटर यूनिट व आईसीयू में इलाज चल रहा है।
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