लखनऊ। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में बांटी जा रही दवाए जांच मेंं मानकों पर खरी नहीं हैं। लगभग 24 जिलों में एफएसडीए की जांच में बुखार जुकाम गैस और खांसी समेत 29 दवाएं फेल मिली हैं। इनमें फेयर एण्ड लवली कि एक जनपद में नमूना फेल मिला भी है। शासन ने जांच के बाद जिन फर्मों के माध्यम से इन दवाओं की परचेज की राजधानी की उन दोनों फर्मों को नोटिस दी है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में बांटी जा रही इन दवाओं का नमूना औषधि सुरक्षा अधिकारियों ने अलग अलग जिलों में सील करके जांच के लिए भेजा।पिछले डेढ़ महीने में आई जांच रिपोर्ट में 29 दवाओं और कास्मेटिक के नमूने फेल आए हैं। बुखार सहित अन्य बीमारियों की दवाएं तक मानकों पर खरी नहीं उतरीं है।
बिजनौर में पैरासीटामॉल तो बलरामपुर में निमोस्लाइड टैबलेट का नमूना फेल मिला। फेयर एंड लवली विंटर फेमनेस क्रीम का नमूना सुल्तानपुर में फेल आया। इसके अलावा रायबरेली गौतमबुद्ध नगर अमेठी चित्रकूट मुरादाबाद बाराबंकी गाजीपुर बागपत मऊ मुजफरनगर इटावा फैजाबादए कन्नौज अलीगढ़ कौशांबीए बलिया फिरोजबाद और मेरठ समेत 24 जिलों में सरकारी अस्पतालों में रोगियों में बंटने वाली दवाएं जांच में मानकों पर खरी नहीं मिलीं।
एफएसडीए के औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण अधिकारी एलके सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को फेल नमूनों की सूची देकर दवा बनाने वाली फर्मों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही दवाओं की परचेज और वितरण के संबंध में जांच रिपोर्ट मिली है। इसके बाद निदेशक भंडार मेसर्स ओमेगा बायोटेक लिमिटेड और मेसर्स रिलीफ लैब बायोटेक लिमिटेड को मामले में नोटिस दी है. इन सब दवाओं की खरीद विभाग ने इन्हीं फर्मों से की है।
ये दवाएं मिली जांच में फेल –
निमास्लाइड, इबुनिक ओरल सस्पेंशन, पैरासीटामॉल, सिफालेक्सिन, कैफ कैनीलेम, एमोक्सीलिन, ओमेप्रोजॉल, माइकोनालॉल, एमोक्सीलीन, आयोडीन ओइनमेंट, लियोसेटेरीजिन, डाक्सीसाइक्लिन, क्लोट्रोमीजॉल, पेंटाप्रोजॉल, क्योरीडर्म नेचर इसेंस, पोवीडॉन, सिप्रो लाक्सासिन, ओवर रेहीडेशन साल्ट, फेयर एंड लवली, सेफालैक्सीन, रैनी लेम, विंटर फेमनेस, रैनी लेम केटोनाजॉल और इल्ले.18 आदि दवाएं व क्रीमों बनाने वाली फर्मों पर शिकंजा कसने की तैयारी है ।