लोहिया संस्थान के डाक्टरों पर 25 लाख का जुर्माना

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पिता ने बेटी के इलाज में लगाया था लापरवाही का आरोप

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उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम पिता की शिकायत के बाद बेटी के इलाज पर सुनवाई करते हुए जुर्माना लगाया

लखनऊ। उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डाक्टरों व सहयोगी पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। फोरम ने आदेश दिया है कि तीस दिनों के भीतर 25 लाख रुपये का मुआवजा आैर दस हजार रुपये वाद व्यय पीड़ित को अदा करें। भुगतान में देरी होने पर नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से राशि का भुगतान करना होगा। पीड़ित पिता जेबी सिंह ने फोरम में की गयी शिकायत में लोहिया संस्थान के तत्कालीन निदेशक डा. एके सिंह,डा. विक्रम सिंह, डा.हेंमत कुमार सहित एक दर्जन डाक्टरों व सहयोगियों को पार्टी बनाया था।
डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डाक्टरों व नर्सिंग स्टाफ पर इलाज के दौरान युवती की मौत पर पिता जेबी सिंह ने लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

् मरीज बेटी के पिता जेबी सिंह का आरोप था कि उनकी 21 वर्षीय बेटी की फेफड़े में पानी होने की शिकायत पर छह अक्टूबर को भर्ती कराया गया। दवाओं को देने के बाद दस अक्टूबर को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद 11 अक्टूबर को फिर तबियत बिगड़ने पर दोबारा भर्ती कराया गया। तेरह की रात में ज्यादा तबियत बिगड़ने पर युवती को वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया। हालत में सुधार होने पर 14 को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन सांस लेने में दिक्कत से आक्सीजन लगी थी।

25 अक्टूबर की रात को उसकी हालत बिगड़ गयी। पिता का आरोप था कि मरीज की रिपोर्ट को डाक्टरों ने गंभीरता से नहीं लिया,जब कि उसमें प्लूरल इन्फ्यूजन आैर टीबी के संकेत स्पष्ट थे। उन्होंने बताया कि रात के समय उन्होंने इमरजेंसी में मौजूद डाक्टरों से गुहार लगाई। उनका आरोप है कि डाक्टर के निर्देश पर दोगनी पावर की दवा दे दी, जबकि आधी गोली देने के लिए कहा गया था। इसके बाद उनकी बेटी सो गयी, लेकिन पल्स रेट व ब्लड प्रेशर घटने लगा। इस दौरान डाक्टर को बुलाया और अपने कमरे में सो रही बुलाया गया, तो वह भी नही आयी। वार्ड ब्वाय के कहने पर इमरजेंसी भी जाकर डाक्टर को बेटी की तबियत बिगड़ने की जानकारी दी गयी, लेकिन कोई नहीं आया। आखिरकार 26 अक्टूबर को सुबह जब डॉक्टर देखने आए तो बेटी की मौत हो चुकी थी। फ ोरम ने अपने आदेश में कहा है कि चिकित्सा सेवा में मानकों की अनदेखी करना अस्वीकार्य है। फोरम ने आदेशित किया है कि वे एकल व संयुक्त रूप से तीस दिन के भीतर 25 लाख रुपये मुआवजा आैर दस हजार रुपये वाद व्यय के रूप में देने का आदेश दिया है। मामले में बाइक 5 ग्राउंड के आंकड़ों का जिक्र किया गया।

कहा गया है कि ब्लड रिपोर्ट व टीबी रेजिस्टेस के स्पष्ट संकेत थे। लोहिया संस्थान के डाक्टर विक्रम का कहना है कि अभी उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

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