राजधानी के अतिसुरक्षित क्षेत्र में एक ही रात में 4 घरों में चोरी

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लखनऊ । राजधानी के अति सुरक्षित हजरतगंज में बीती रात चोरों ने 4 घरों को निशाना बनाया और पुलिस के इकबाल पर सवालिया निशान छोड दिया। आधा दर्जन से अधिक चोरों ने करीब डेढ़ दर्जन से अधिक कीमती मोबाइल और हजारों की नकदी लेकर फरार हो गये। गुरुवार की सुबह जब पीड़ितों को जानकारी हुई तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आनन-फानन में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी। वहीं लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस की लापरवाही से चोरियां हो रही है और पुलिस रात में गश्त करने के बजाय सोती रहती है।

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हजरतगंज के नरही में रघुबर दयाल लेन में समीर पुत्र मोहम्मद रईस रहते हैं। उन्होंने बताया कि बीती रात करीब 2.30 बजे आधा दर्जन से अधिक लोग घर में घुस आये और 4 कीमती मोबाइल जिनकी कीमत करीब 60 हजार रुपये और 11 हजार की नकदी चोरी कर ली। वहीं पड़ोस में रहने वाले संदीप के घर से चोरों ने 5 कीमती मोबाइल चोरी कर ले गये हैं। इसके अलावा सुभाष श्रीवास्तव के घर भी घुसे चोरों ने 2 मोबाइल फोन और 15 हजार की नकदी पर हाथ साफ किया। जबकि ताराचंद्र के घर से 5 मोबाइल फोन और 6 हजार की नकदी चोरी की गयी है।

वहीं पीडितों को कहना है रात को उन्हें कुछ आवाज तो सुनाई दी, लेकिन उसके बाद कुछ पता नहीं चला। उनकी नींद अलार्म से भी नहीं खुली। भुक्तभोगियों ने बताया कि चोरों ने उन्हे नशीला पदार्थ सुंघाकर वारदात को अंजाम दिया है। स्थानीय लोगों को कहना है कि समीर के घर में पले कुत्ते को भी नशीला पदार्थ सुंघाया गया था ताकि वह आवाज न करे। नशीला पदार्थ सुंघने के चलते वह भी सुबह तक सोता रहा।

पुलिस ने अपने हिसाब से तहरीर लिखवायी-

पीड़ितों ने आरोप लगाया कि जब घटना की सूचना पुलिस को दी तो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल की। हलांकि जब पीड़ित कोतवाली पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर लिखनी शुरू की तो पुलिस ने डन्हें अपनी मनमर्जी से तहरीर लिखने को कहा और सिर्फ मोबाइल चोरी होने की बात लिखवाई है जबकि उन्हें नशीला पदार्थ सुंघाकर चोरी की गयी। नशीला पदार्थ से उनकी जान को भी खतरा थ फिर भी पुलिस ने अपनी ही मनमानी की है।

पुलिस की गश्त की पोल खुली-

हजरतगंज जैसे वीआईपी इलाके में एक ही रात में सिलसिलेवार 4 घरों में चोरी हो गयी। ऐसे में सवाल ये उठता है कि रात में पेट्रोलिंग करने का दम भरने वाली पुलिस इस दौरान कहीं नजर नहीं आयी। कारण था कि चोरों को भी इस बात का भय नहीं था कि पुलिस पहुंच सकती है। वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस रात 12 बजे तक तो गश्त करती नजर दिख जाती है वह भी कहीं आराम फरमाते हुए, लेकिन उसके बाद ज्यादातर पुलिसकर्मी या तो पेट्रोलिंग वैन में सो जाते हैं या फिर चौकी पर जाकर नींद के आगोश में आ जाते हैं। इस दौरान कुछ भी हो जाये तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता।

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