लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग कैडबर लिवर प्रत्यारोपण करने में सफलता मिलने के बाद अब पांचवा लिवर प्रत्यारोपण करने की तैयारी शुरू कर दी है। कैडबर लिवर प्रत्यारोपण में मिली सफलता के बाद शुक्रवार को केजीएमयू कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट व सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डा. अभिजीत चंद्रा ने पत्रकार वार्ता करने जानकारी दी। पत्रकार वार्ता में लिवर प्रत्यारोपण में सहयोग करने वाले अन्य डाक्टरों की टीम भी मौजूद थी।
सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डा. अभिजीत चंद्रा ने बताया कि तीन लाइव लिवर प्रत्यारोपण सफलता पूर्वक कि ये जा चुके है। इसके बाद चौथा लिवर प्रत्यारोपण डोनर से लेकर किया गया। यह भी सफल रहा है आैर आज मरीज को डिस्चार्ज किया जा रहा है। अब तक सभी लिवर प्रत्यारोपित होने वाले मरीज स्वस्थ्य है। उन्होंने कहा कि अगर कैडेबर डोनर मिलता है, तो वेंटिग में चल रहे मरीजों को राहत मिलेगी। फि लहाल प्रत्येक महीने एक मरीज का लिवर प्रत्यारोपण करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने बताया कि लिवर प्रत्यारोपण करने के लिए काफी तैयारी करनी होती है। इसलिए पूरी तैयारी के बाद लिवर प्रत्यारोपण किया जाएगा। कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कहा कि केजीएमयू के इतिहास में पहली बार ब्रोनडेड मरीज से प्राप्त डोनर को सफलता पूर्वक प्रत्यारोपित किया गया है।
यह मेडिकल साइंस की जटिल प्रक्रिया है। उन्होंने कहा इस सफलता के बाद अब प्रदेश में लिवर सिरोसिस के मरीजों के इलाज का नया रास्ता खुल गया है। उन्होंने कहा कि यहां पर लोगों को अंग प्रत्यारोपण करने के लिए जागरूक किया जाएगा। ताकि आवश्यक लोगों को नयी जिंदगी दी जा सके। उन्होंने कहा लिवर खराब हो जाने पर प्रत्यारोपण ही अंतिम उपाय है। जब कि किडनी में डायलिसिस किया जा सकता है। डा. अभिजीत ने बताया कि लिवर प्रत्यारोपण करने की प्रक्रिया में विभिन्न विभागों के डाक्टरों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। मरीज की प्री आपरेटिव एवं पोस्ट आपरेटिव मॉनिटरिंग में गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के डा. सुमित रूगंटा, मेडिसिन विभाग के डा. डी हिंमाशु के अलावा एनेस्थिसिया, पैथालॉजी, माइक्रोबायलॉजी विभाग, ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग के डाक्टर भी शामिल रहे। उनकी टीम में डा. विवेक गुप्ता, डा. प्रदीप जोशी के साथ ही 48 घंटे लगातार ड्यूटी करने वालों में नंद गोपाल, आईसीयू इंचार्ज सिस्टर अनीता के अलावा अन्य लोगों की भी भूमिका महत्वपूर्ण रही।
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