गैर संचारी रोगों से होती है 60 प्रतिशत लोगों की मौत

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लखनऊ। अलीगंज स्थित ए एन एन प्रशिक्षण केंद्र में 37 ए. एन.एम.का गैर संचारी रोगों पर 3 दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण 19 दिसम्बर से प्रारंभ हुआ था । प्रशिक्षण के अंत में डा . एस के सक्सेना ने सभी सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि अब भारत सरकार ने गैर संचारी रोगों कैंसर, मधुमेह तथा हाई ब्लड प्रेशर के लिये 30 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों की जांच करवाने का निर्णय किया हैं।यह आशाओं की मदद से किया जाएगा।आशाऐं एक हजार की आबादी में 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों की सूची बनाएगी।यह संख्या लगभग 370 होती हैं।इन सभी लोगों के ।सी बैक(कम्युनिटी बेस्ड एसेसमेंट चेकलिस्ट।)फार्म आशाओं द्वारा भरे जायेंगें। इसके आधार पर जिन्हें अधिक नम्बर मिलेंगें, उनकी जांच पहले की जाएगी, लेकिन जांच ( स्क्रीननिंग) सभी की होगी।गैर संचारी रोग जिन्हें लंबे समय तक चलने वाले रोग भी कहा जाता है ,एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को नहीं लगते।

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बीमारी होने में लंबा समय लगता है और शुरू में उसके लक्षण दिखाई नहीं देते। इनका इलाज वर्षों तक और कुछ मामलों में पूरे जीवन काल तक चलता रहता है। ऐसे अनेक रोग हैं जो इस समूह के अधीन आते हैं। गैर संचारी रोगों के प्रमुख प्रकार हैं मधुमेह ,हृदय रोग ,लकवा, कैंसर तथा चिर कालिक श्वसन रोग। पुरुष ,महिलाएं और सभी आयु वर्ग के लोग लंबे समय तक इन रोगों के शिकार होते हैं ।इनमें से कुछ रोग धीमी गति से बढ़ते हैं अथवा ऐसे चिरकालिक लक्षण पैदा करते हैं जिनकी लंबे समय तक देखभाल और नियंत्रण रखना पड़ता है ,जबकि कुछ अन्य रोग तेजी से बढ़ते हैं ।मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि हमारे देश में गैर संचारी रोग समय पूर्व मृत्यु का एक प्रमुख कारण हैं ।भारत में इस समय जितनी मृत्यु होती हैं उसका 60ऽ से अधिक गैर संचारी रोगों के कारण हो रही हैं ।

इन मृत्यु के चार प्रमुख कारण हैं हृदय रोग, लकवा तथा उच्च रक्तचाप, चिरकालिक श्वसन रोग, कैंसर तथा मधुमेह। उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर पुरूषों में भी हो सकता है, यद्यपि यह बहुत दुर्लभ है।पुरुषों मेंं स्तन कैंसर 60 वर्ष की आयु के बाद ही होता है।स्तन कैंसर के एक प्रतिशत केस पुरुषों में देखे जाते है।यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यह ए एन एम अपने -अपने क्षेत्र में 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करेंगी। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय राजा ने बताया कि आशाएं अपनी एक हजार की आबादी में 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों का सी बैक फॉर्म भरेंगी। इन सभी का कम्युनिटी बेस्ड एसेसमेंट चेक लिस्ट (समुदाय आधारित मूल्यांकन प्रपत्र )भरा जाएगा जिसके आधार पर उनमें रोग होने की संभावना का पता चलेगा ।

जो व्यक्ति ज्यादा संदेह के घेरे में होंगे उनकी पहले जांच की जाएगी। सभी लोगों की वर्ष में एक बार मधुमेह ,उच्च रक्तचाप तथा मोटापे के लिए जांच की जाएगी ।कैंसर के लिए पांच वर्ष में एक बार जांच की जायेगी।प्रशिक्षण डॉ एसके सक्सेना, ,श्री अजीत कुमार यादव स्वास्थ शिक्षा अधिकारी तथा सुष्मिता द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

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