लखनऊ। राजधानी लखनऊ के काकोरी क्षेत्र के 60 से ज्यादा गांव में 90 दिन से दहशत फैलाये बाघ को आखिरकार पकड़ लिया गया है। बुधवार शाम रहमान खेड़ा जंगल के जोन-2 में वनकर्मियों ने बाघ को ट्रैंकुलाइज किया।
बताते है कि पहला ट्रैंकुलाइजर डार्ट लगने पर बाघ बेहोश नहीं हुआ, वह रही पर आक्रामक होकर दहाड़ने लगा। विशेषज्ञ डॉक्टर दक्ष और डॉक्टर नासिर ने घेराबंदी कर लगभग 500 मीटर पीछा किया। इसके बाद निशाना साध कर दूसरी डार्ट दागी गयी। तब कहीं जाकर बाघ बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा।
विशेषज्ञ बताते हैं कि बाघ करीब 230 किलो वजन का है। इसकी उम्र लगभग 3-4 वर्ष की आंकी गयी है। वनकर्मियों ने बाघ को पिंजरे में बंद किया है। बाघ बख्शी का तालाब रेंज कार्यालय लाया जाएगा, जहां वन्यजीव विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम उसका इलाज करेगी और व्यवहार को देखेंगी।
बाघ की घेराबंदी करने के लिए वन विभाग ने पांच जगहों पर AI थर्मल सेंसर कैमरे लगाए थे। तीन थर्मल ड्रोन से घेराबंदी की गई। बुधवार शाम को AI कैमरे से अलर्ट मिलते ही टीम मौके पर पहुंची, जहां बाघ झाड़ियों में छिपा था।
इस बाघ से करीब 60 गांवों में दहशत व्याप्त थी। उसने अब तक 25 जानवरों का शिकार किया। आज सुबह बाघ गाय को खा गया था। बाघ के हमलों के चलते गांव के लोग डर कर रात में बाहर नहीं निकल रहे थे। बाघ को पकड़े जाने के बाद देखे जाने वाले ग्रामीणों की भीड़ लगी हुई थी।