विदेशों में ई-सिगरेट का चलन तेजी से बढ़ रहा है।आजकल इसकी बिक्री शॉपिंग मॉल्स के अलावा आनलाइन शापिग से भी हो रही है। बाजार में यह विभिन्न ब्रांड नामों से मिलती है। ‘इलेवट्रॉनिक सिगरेट’ ई सिगरेट है जो बैटरी-संचालित होती है। स्टेनलेस-स्टील से बना यह उपकरण बिलकुल असली सिगरेट जैसा दिखने वाला निकोटिन घोल भरा रहता है, यह तम्बाकू नहीं होता है।
इस उपकरण से कश लेते हैं, इसमें मौजूद तरल पदार्थ गर्म होकर धुएं के बजाए भाप छोड़ता है। सिगरेट पीने का असली एहसास हो, इसलिए ईं-सिगरेट का अगला सिरा दहकता रहता है। इस सिगरेट की खासियत यह है कि यह धुम्रपानकर्ता को सिर्फ निकोटिन मुहैया करता है, जिसकी जरूरत या तलब धूम्रपान करने वालों के होती है।
ई-सिगरेट इन बुराइयों से कोसों दूर है –
जबकि तम्बाकू वाला सिगरेट पीने से निकोटिन के अलावा कईं किस्म के टॉक्सिन्स और कैंसरकारी तत्व जैसे; कार्बन मोनोऑक्सजाइड, फॉर्मल्डिहाइड और टार पीने वाले के शरीर में तो प्रविष्ट होते ही है, वातावरण में भी फैलते है। ई-सिगरेट इन बुराइयों से कोसों दूर है। हालाकि इस बात का कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि ई-सिगरेट सुरक्षित है और यह लोगों को सिगरेट छुडाने में मदद कर सकती है।