वर्ष 2050 तक विश्व के लगभग 5 अरब लोग निकट दृष्टिदोष से पीडित हो सकते है। यह चौका देने वाली जानकारी एक शोध में निकली है। यह शोध जर्नल ‘ऑप्थैैल्मोलॉजी’ में इस प्रकाशित किया गया है। शोध में बताया गया है कि अमेरिका में इस रोग से प्रभावित लोगों की संख्या साल 2000 की संख्या 90 लाख से बढ़कर 2050 तक 26 करोड़ हो जाएगी । इसी प्रकार कनाडा में वर्ष 2000 की संख्या 11 लाख से बढ़कर 2050 तक 66 लाख हो जाएगी।
मायोपिया एक महामारी की तरह दुनिया में स्थायी अंधेपन का प्रमुख कारण बन सकता है –
बताते चले कि मायोपिया एक नेत्र संबंधी रोग है, जिसमें दूर की नजर कमजोर हो जाती है और दूरी पर स्थित वस्तुएं धुंधली नजर आने लगती हैं। शोध में पर्यावरणीय कारकों और जीवनशैली में बदलाव को जिम्मेदार ठहराया गया है। शोधार्थियों की मानें, तो मायोपिया एक महामारी की तरह दुनिया में स्थायी अंधेपन का प्रमुख कारण बन सकता है।
बच्चों का नियमित तौर पर सालाना आंखों की जांच करवानी चाहिए –
ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स के प्रोफेसर कोविन नायडू ने बताया,‘इस रोग से बचाव के लिए हमें अपने बच्चों का नियमित तौर पर सालाना आंखों की जांच करवानी चाहिए। इससे जोखिम मिलने पर समय पर उसकी रोकथाम की जा सकती है। हालाकि देखा जाए भारत में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत स्कूलों में बच्चों की आंखे जांच करके चश्मा भी दिया जाता है।