मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट बेहतर स्वास्थ व्यवस्था की स्वास्थ महानिदेशालय के अधिकारी ऐसी तैसी करने में जुट गये है। बजट जारी होने के बाद भी वह उपकरणो खरीद कमीशन के चक्कर में नही करते है।
कुछ ऐसा ही सिविल अस्पताल में बनाये गये बाल रोग विभाग में रहा है। यहां दो वर्षो से वेटिलेटर की खरीद नही पा रही है। जब कि इसके निर्माण के वक्त दावा किया गया था कि बच्चों का एक छत के नीचे इलाज किया जाएगा।
सिविल अस्पताल के बाल रोग में वेटिलेटर खरीद के 2 करोड36 लाख रुपये बजट हो चुका है पास
वेटिलेटर की खरीद के लिए 2 करोड 36 लाख रुपये बजट दिया गया था। इससे 10 वेटिलेटर खरीदे जाने थे पर अभी तक इनकी खरीद प्रक्रिया सीएम एस डी में प्रस्तावित ही है। जब कि तत्कालीन स्वास्थ मंत्री अहमद हसन ने जल्दी खरीदने के लिए कहा था। अस्पताल प्रशासन भी काफी समय से महानिदेशालय से पत्राचार कर रहा है।लेकिन अभी तक खरीद नही हो सकी है। अस्पताल के बाल रोग विभाग में सामान्य से लेकर दिमागी बुखार के बच्चे इलाज के लिए आते है। जिनकी हालत गंभीर होती है, फिर महानिदेशालय इस पर कोई ध्यान नही देता है। बताया जाता है 10 वेटिलेटर की खरीद में कई कंम्पनी शामिल है जो कि तरह से हर स्तर पर अपना वेटिलेटर बेचना चाहती है।