नयी दिल्ली – देश में खुदकुशी का प्रयास करने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में करीब तीन गुना है, जबकि 15-30 के आयु समूह में लोग सबसे अधिक आत्महत्या का प्रयास करते हैं।
इंडियन साइकैट्रिक सोसाइटी के मुताबिक, हालांकि खुदकुशी की कोशिश के केवल 10-15 प्रतिशत मामले ‘आवेग ‘ से जुड़े होते हैं और बाकी को समय पर हस्तक्षेप और उचित मनो-चिकित्सा के जरिये रोका जा सकता है। इस सोसाइटी ने आज विश्व आत्महत्या रोधी दिवस मनाया और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाई।
हर साल करीब 8 लाख लोग आत्महत्या कर गवांते हैं अपनी जान –
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हर साल 8 लाख लोग आत्महत्या कर अपनी जान गंवा देते हैं। ” भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाएं खुदकुशी का अधिक प्रयास करती हैं। इंडियन साइकैट्रिक सोसाइटी के अध्यक्ष डाक्टर जी. प्रसाद राव ने बताया, ” बाकी मामलों में व्यक्ति में यह संकेत देते दिखते हैं कि वह आत्महत्या कर सकता..सकती है जैसे ‘मेरा जीना बेकार है’ यह आम अभिव्यक्ति है। यदि आसपास के लोग इसे भांप लें और समय पर हस्तक्षेप करें तो ऐसे मामलों को रोका जा सकता है। राव ने कहा, ”किसान, विद्यार्थी और दहेज से जुड़ी आत्महत्याएं आम हैं।
दिल्ली स्थित कॉसमस इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहैवियरल साइंसेज सीआईएमबीएस द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, 71 प्रतिशत लोग इस बात से जागरूक नहीं हैं कि यदि उनके आसपास के किसी व्यक्ति के भीतर यदि आत्महत्या करने की प्रवृत्ति हो तो क्या करें। इस अध्ययन में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 18 से 62 वर्ष के आयु समूह में करीब 500 लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें से 88 प्रतिशत की उम्र 18 और 35 वर्ष के बीच रही।
अध्ययन के मुताबिक, ” 55 प्रतिशत लोग अपने निजी, सामाजिक या पेशेवर क्षेत्र में ऐसे किसी न किसी व्यक्ति को जानते हैं जिसने आत्महत्या कर अपनी जान गंवाई, जबकि 61 प्रतिशत लोग ऐसे लोग को जानते हैं जिसने आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन बच गया।
53 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस तरह की घटनाओं का उनके निजी जीवन पर प्रभाव पड़ा।
आत्महत्या के 75 प्रतिशत मामलों में पीडि़तों की उम्र 35 वर्ष से कम रही –
इस अध्ययन में जनवरी से अगस्त के बीच 1,000 क्लिनिकल मामलों का भी विश्लेषण किया गया जिससे आत्महत्या की प्रवृत्ति वाले लोगों में मनोवैज्ञानिक रख का पता लगाया जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक, आत्महत्या के 75 प्रतिशत मामलों में पीडि़तों की उम्र 35 वर्ष से कम रही, जबकि आत्महत्या के प्रयास के मामलों में 34 प्रतिशत लोगों की उम्र 19 से 24 वर्ष रही। अध्ययन में दावा किया गया है कि बेरोजगार लोगों 32 प्रतिशत में आत्महत्या की प्रवृत्ति सबसे अधिक होती है, जबकि इसके बाद विद्यार्थियों 26 प्रतिशत और पेशेवरों 22 प्रतिशत का स्थान आता है। पिछले कुछ वर्षों से राजस्थान के कोटा में आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं।
News Source: भाषा