गिरीदार मेवे पसंद करने वाली महिलाओँ के लिए एक खुशखबरी से कम है। गिरीदार मेवे उन्हें ह्रदय धमनी रोगो से बचाते हैं। यह हाल ही में की गयी ताजा खोजों से पता चला है। जो महिलायें रोज अपने खानपान में अक्सर गिरीदार फलों जैसे अखरोट, बादाम, नारियल आदि को शामिल करती हैं, उन्हें हदय धमनी रोग होने का खतरा बहुत कम रहता है। लगभग 14 सालों तक चले एक अमरीकी अध्ययन में 34 से 50 वर्ष तक की 80 हजार महिलाओं को शामिल किया गया। 14 सालों तक लगातार इन महिलाओं को पूरी मेडिकल जांच की जाती रही।
बाद में पता चला कि जो महिलायें हर हफ्ते लगभग 160 ग्राम गिरीदार मेवों का सेवन करती थी, उन्हें गिरीदार मेवों का सेवन न करने वाली महिलाओं या हर माह लगभग 30 ग्राम गिरीदार मेवों का सेवन करने वालियों के मुकाबले हदय धमनी रोग होने का खतरा करीब 36 फीसदी कम रहता है।
गिरीदार मेवे रक्त में वसा में अनुकूल प्रभाव डालते हैं –
इसके अलावा “अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन’ से प्राप्त आंकडे बताते हैं कि गिरीदार मेवों का इस्तेमाल करने से हार्ट अटैक से मरने का खतरा कम हो जाता है। इसके साथ ही एक अध्ययन के तहत 22 हजार पुरुष डाक्टरों पर 11 साल तक निगरानी रखकर बारीकी से जांच-परख की गयी और नतीजे प्राप्त किये गए । कहा जाता है कि गिरीदार मेवे रक्त में वसा में अनुकूल प्रभाव डालते हैं।
“नट लवर्स’ बनने से ‘ गुरेज नहीं करना चाहिये –
ये कोलेस्ट्रॉल और हानिकारक एल डी एल कोलेस्ट्रॉल के स्तरों को कम कर देते हैं। आमतौर से गिरीदार मेवों में हदय रोगों से बचाव करने वाले जो पोषक तत्व पाये जाते हैं उनमें शमिल हैं विटामिन ई, मैग्नीशियम, प्रोटीन, फाइबर (रेशा) और पोटेशियम। ऐसी हालत में “नट लवर्स’ बनने से ‘ गुरेज नहीं करना चाहिये। क्योंकि इलाज से बचाव फायदेमन्द ही होता है । चाहे वह थोड़ा महंगा क्यों ही न हो। वैसे भी इलाज करवाना आम लोगों के बस की बात नहीं होती है ।