पान गुटखा से दांतो को जल्दी चमकाने के लिए आजकल लेजर से चमकाने की तकनीक तेजी पकडती जा रही है। मंहगी होने के बाद भी युवाओं में लोकप्रिय है। रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक पीले दांतो को चमकाने के लिए लेजर या किसी दूसरे लाइट सोर्स का इस्तेमाल नुकसानदेह हो सकता है। नार्वे के शोधकर्ताओं ने लेजर आदि लाइट सोर्स और इसके बिना डेंटल पर की जाने वाली ब्लीचिंग का प्रभाव जानने के लिए एक अध्ययन किया।
मुंह के अंदर की त्वचा दूसरी जगह की त्वचा के मुकाबले ज्यादा ही संवेदनशील होती है –
उन्होंने पाया की साथ में से छह मामलों में सिर्फ ब्लीच किये गए डेंटन तथा लाज़र आदि लाइट सोर्स से चमकाए गए डेंटल की चमक या सफेदी में कोई ख़ास फर्क नहीं था। बल्कि लाइट से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणे मुंह के अंदर व बाहर की त्वचा तथा आँखों को सुरक्षित ढंग से न ढंकें जाने पर नुकसान पंहुचा सकती है। यूँ भी मुह के अंदर की त्वचा दूसरी जगह की त्वचा के मुकाबले ज्यादा ही संवेदनशील होती है। फिर भी यदि आप लाइट अस्सिटेड टूथ ब्लीचिंग करवाने का प्लान बना रहे हैं तो प्रक्रिया शुरू होने के पहले यह सुनिश्चित कर लें की आपका चेहरा और ऑंखें अच्छी तरह से ढकी हुई हैं। अक्सर इस प्रक्रिया में चूक होने से आपको काफी घातक हो सकता है।