सर्दियों का मौसम सेहत के लिए भले ही अच्छा माना जाता हो, लेकिन हृदय रोगियों को इस मौसम में ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। चिकित्सकों के मुताबिक गर्मियों के मुकाबले सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक और स्ट्रोक से होने वाली मौतों के मामले 3० फीसदी तक बढè जाते हैं। हार्ट अटैक के लक्षणों को समझना भी बहुत जरूरी है। आघात की शुरुआत होते ही मरीज पर बेहोशी छाने लगती है। सांस रुक जाती है। मरीज की नब्ज डूब जाती है। त्वचा का रंग सफेद या नीला हो जाता है। दिल की धड़कन रुकने लगती है। अगर ऐसे लक्षण दिखें तो मरीज को तुरंत ही नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए।
बढ़ जाता है खून का गाढ़ापन
सर्दियों में अधिकतर लोग सर्दियों में कम पानी पीते हैं जिसका भी दुष्प्रभाव पड़ता है। कम पानी पीने से खून का गाढ़ापन बढ़ जाता है, खून में थक्का भी बनने लगता है। डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ भुवन चंद्र ने बताया कि सर्दियों में चाय-काफी के ज्यााद सेवन से भी खून का गाढ़ापन बढ़ता है। खून में शुगर लेवल बढ़ जाता है। इससे रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। सर्दियों में पसीना न आने की वजह से साल्ट शरीर में ही जमा होता रहता है। इससे हृदय की मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। हृदय रोगियों की रक्त वाहिकाओं में ब्लाकेज होने की वजह से उनके हार्ट को पहले ही रक्त की सप्लाई कम हो रही होती है।
ज्यादा सर्दी से जब शरीर के अंदर की नसें सिकुड़नी शुरू हो जाती हैं तो हार्ट को रक्त की सप्लाई और भी कम हो जाती है जो कि खतरनाक साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि संस्थान में रोजाना लगभग 3० हृदय रोगी अपनी परेशानियों को लेकर आ रहे हैं। ठंड के कारण हृदय के अलावा मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की धमनियां सिकुड़ती हैं, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और रक्त के थक्के बनने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों में स्ट्रोक पड़ने की संभावना भी बढ़ जाती है। – डॉ. भुवन चंद्र, आरएमएल अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ
इन बातों का रखें ध्यान
- खाने में नमक का प्रयोग कम करें
- नियमित रू प से व्यायाम करें
- संतुलित आहार लें
- अधिक कैलोरी वाला भोजन न लें
- ज्यादा तेल-घी वाली चीजों से बचें
- सिगरेट, शराब आदि का सेवन न करें
- पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें
- नहाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें
- शरीर को गर्म कपड़ों से ढक कर रखें
- बिस्तर से अचानक न निकलें