सर्द मौसम
धुप का टुकड़ा
सेकता है हाथ जैसे
चाय का प्याला पकड़
कोई तापता है हाथ अपने
सूर्य की नाज़ुक किरण से
पाँव की पायल बनी है
सूर्य की ये तेज़ किरणे
आया है अभी तो सूरज
अभी लौट जायेगा गांव अपने
रात है लंबी बड़ी
इस सर्दी वाली रात की
फिर निकल आएगा सूरज
अगले दिन सुबह सुबह
फिर से वही
सर्द मौसम
धुप का टुकड़ा
सेंकता है हाथ जैसे
चाय का प्याला पकड़
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– आभा