मोटापे की यौगिक चिकित्सा –
मोटापे के नियंत्रण एवं प्रबंधन में यौगिक चिकित्सा अत्यन्त प्रभावी है। ऐसे रोगियों को योग एवं प्राकृतिक चिकित्सक के निर्देशन में शोधन क्रिया, कुंजल, कपालभांति, बस्ति, नौलि, शंखप्रक्षालन, योगासन-ताड़ासन, पादहस्तासन, सर्वांगासन, हलासन, भुजंगासन, धनुरासन, पश्चिमोत्तानासन, मत्स्यासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन तथा उष्ट्रासन तथा सूर्यनमस्कार छह से 12 चक्र नियमित अभ्यास करना काफी लाभदायक है। सूर्यभेदी एवं भस्त्रिका प्राणायाम भी इस रोग के निवारण में अत्यन्त गुणकारी पाए गए हैं।
मोटापे की प्राकृतिक चिकित्सा –
मोटापे के रोगियों को चाहिए कि वे प्राकृतिक चिकित्सक के निर्देशन में अपनी दिनचर्या में परिश्रम, व्यायाम एवं शरीर शोधक आहार को पर्याप्त स्थान दें। प्राकृतिक उपचार की दृष्टि से ऐसे रोगियों को मिट्टी की पट्टी, एनिमा, सप्ताह में 2-3 दिन भाप के बाद लघु व दीर्घ उपवास के प्रयोग की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त समय-समय पर पूर्ण टब बाथ, मड़बाथ, धूप तथा पूरे शरीर की वैज्ञानिक मालिश का प्रयोग विशेष लाभप्रद होता है।
मोटापे की आहार चिकित्सा –
मोटापे को दूर करने की सबसे अच्छी चिकित्सा है आहार चिकित्सा को माना जाता है। इस चिकित्सा में भोजन कम और व्यायाम ज्यादा किया जाता है। दैनिक जीवन में नेचुरल फास्टफूड (फल व जूस) को बढ़ावा देना चाहिए। इस सिद्धान्त के अनुसार ही मोटापे के रोगियों को अपनी दिनचर्या का पुनर्निधारण करना चाहिए। मोटापे से ग्रस्त लोगों को एक समय फलाहार, एक समय दलिया/चोकर समेत मोटे आटे की चपाती व सलाद एवं हरी सब्जी लेना चाहिए। मोटापे से ग्रस्त लोगों को अपने आहार में फल, सब्जियों, सलाद एवं अमृताहार (अंकुरित अन्न-मूंग, चना, मेथी) को प्राथमिकता देनी चाहिए। मिठाई, गरिष्ठ एवं तैलीय पदार्थों का प्रयोग सीमित कर देना चाहिए, इन्हें यदि छोड़ा जा सके तो और भी उत्तम होगा। – डॉ. नंदलाल यादव योग विशेषज्ञ, बलरामपुर चिकित्सालय, लखनऊ
खुद को फिट रखने के लिए इसका करें सेवन –
प्रात: उठते ही – दो चम्मच शहद और एक नींबू का रस मिलाकर एक गिलास ताजा अथवा गुनगुना पानी पीने से लाभ होता है
नित्यकर्म के बाद – अमृताहार (अंकुरित मूंग, चना व मेथी आदि) या कोई मौसमी फल अथवा उसका जूस पिएं
दोपहर का भोजन – 1-2 चोकर सहित मोटे आटे की रोटी, दो कटोरी बिना मिर्च-मसाले की हरी सब्जी, सलाद व एक गिलास छाछ
सायंकाल – दो चम्मच शहद और एक नींबू का रस मिलाकर एक गिलास पानी पिएं या फिर सब्जी का जूस अथवा सूप का सेवन करें
रात्रि का भोजन – दो चम्मच शहद और एक नींबू का रस मिलाकर एक गिलास पानी पिएं या फिर सब्जी का जूस अथवा सूप का सेवन करें
1-2 चोकर सहित मोटे आटे की रोटी, दो कटोरी बिना मिर्च-मसाले की हरी सब्जी, 2००-3०० ग्राम सलाद या केवल फलाहार
इनसे रहें दूर –
आलू, मैदा, रिफाइंड, तेल, डालडा, कोल्डड्रिंक्स, आइसक्रीम, चीनी, मिठाई, मलाईयुक्त दूध, शराब, मांसाहार व अंडा
इनका सेवन नियमित करें –
दो मूली, चार गाजर, चार टमाटर, दो आंवला, एक चुकंदर को अपने आहार में शामिल जरूर करें