क्या होता है कोरोनरी धमनी रोग ?

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Photo Source: http://images.onlymyhealth.com/

हृदय के रोगो में हाइन वाला यह एक सबसे सामान्य प्रकार का रोग है, जिसका कारण कोलोस्टराल द्वारा उन धमनियों पर एक दीवार जैसी संरचना को बना देना है जो की रक्त को हृदय तक पहुचाने का कार्य करती हैं| जिसके परिणामस्वरूप  हृदय घात, हृदय पीड़ा, हृदय गति का रुक जाना, तथा अनियमित हृदय गति हो सकती है|पड़ने वाले घाट को ब्रेन अटैक या मस्तिष्क का काम ना करना से जाना जाता है| यह तब होता है जब मस्तिष्क के रक्त प्रवाह को जाने वाली धमनी का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, या मस्तिष्क में या उसके आस पास की धमनी फट जाती है जिसके परिणाम स्वरूप मस्तिष्क कार्य करना बंद कर देता है या मृत्यु तक हो जाती है|

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कोरोनरी धमनी रोग की रोकथाम –

इस तरह के अधिकांश रोग अपनी प्राथमिक अवस्था में ही ख़तम किए जा सकते है अगर उनकी पहचान कर ली जाए या वह स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत बता दिए जाएँ| ग़लत ख़ान पान, व्यायाम की कमी, धूम्रपान या मादक द्रव्यों का सेवन, अत्यधिक वजन, उच्च रक्त चाप , तथा मधुमेह इत्यादि इसके ख़तरे बन सकते हैं जिससे की हृदय से संबंधित होने वाली 80% मृत्यु का कारण है|

जागरूकता का विस्तारण:

अपने हृदय को बचाने के उपायों के चरण को जाने तथा उसे परिवार व मित्रों को भी बताए जिससे की उनके भी हृदय की रक्षा हो सके| स्वास्थ जाँच, सभा, इत्यादि को बढ़ावा देने के साथ ही धूम्रपान छोड़ने, अपने जीवन शैली में बदलाव लाने, व्यायाम की महत्ता पहचानने हेतु इन सभी बातों लोगों को इसके बारे में पोस्टर्स व पर्चों के माध्यम से बताएँ|

स्वास्थ्यवर्धक चीज़ों को बढ़ावा देना:

विश्व स्वास्थ्य संगठन सभी को कम नमक के उपभोग पर बल देता है जो कि प्रत्यक्ष तौर पर हृदय सबंधी रोगो का कारण है| इसके अनूसार सही मात्रा में कम नमक व वसा वाला भोजन ही ग्रहण करने योग्य है|
शरीर के तंदुरुस्ती को मापने वाला सूचक बीएमआई के नाम से जाना जाता है जो की व्यक्ति के कद व वजन पर निर्भर करता है| स्वस्थ

वजन को बनाए रखने के लिए ये टिप्स अपनाएं  :

  1. बी एम आई का आकलन करवाते रहें|
  2. उच्च रक्त चाप तथा कोलेस्टराल की नियमित जाँच करवाएँ|
  3. लोगों को सीढ़ियों के प्रयोग के लिए बढ़ावा दें, तथा अपने दैनिक जीवन में पैदल चलने की आदत डालें|
  4. इस विश्व हृदय दिवस पर आइए एक स्वस्थ विश्व के निर्माण की शपथ लें|

विशेषज्ञ की राय –

वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ के मुताबिक हृदय की सेहत में खान-पान की खास भूमिका है। उनके अनुसार फल और सब्जियों वाली लो सोडियम डाइट और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों से ब्लड प्रेशर को कम रखने में मदद मिलती है। डाइट में सामान्य चीनी की मात्रा कम रखना ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है। चीनी और सेचुरेटेड वसा कम खाना और मोनोअनसेचुरेटेड वसा (बादाम व अन्य मेवे, जैतून, मूंगफली) पॉलीअनसेचुरेटेड वसा (सोयाबीन का तेल, अलसी, मछली, अखरोट) युक्त पदार्थों की प्रचुरता कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार करती है। फल, सब्जियां और मेवे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो प्लैक जमने से रोक कर हार्ट अटैक की आशंका को कम कर देते हैं।

ब्लड प्रेशर को करें कंट्रोल –

अनियंत्रित हाई ब्लडप्रेशर धमनियों को कठोर और संकुचित बनाता है, जिससे हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है और हृदय का आकार बड़ा हो सकता है। दिल के काम करने की क्षमता घटती है।

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