हिचकिचायें नहीं, नयी तकनीक से बने माता- पिता

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लखनऊ। ज्यादातर पुरुष जांच में स्पर्म कम बनने व न बनने की रिपोर्ट पर जड़ी बूटी का सेवन करने के अलावा सेक्सोलॉजिस्ट से इलाज कराने को महत्व देते है, जब कि नयी तकनीक से भी पिता की बन सकते है। काफी संख्या में लोग नयी तकनीक को अपनाने में हिचकिचाते है। यह जानकारी डा. सुनीता चंद्रा ने फर्टिविजन 2016 के अंतिम दिन समारोह में दी। इसके अतिरिक्त कार्यशाला में डा. सोहानी वर्मा, डा. आभा मजूमदार डा. रितु खन्ना ने फर्टिलटी की नयी तकनीक ने जानकारी दी। कार्यक्रम में क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

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डा. सुनीता चंद्रा ने बताया कि बांझपन का आरोप सिर्फ महिला पर लगाना गलत है। इसमें पुरुष भी भागेदारी भी महत्वपूर्ण होती है। अक्सर पुरुष के स्पर्म न बनने व न बनने के कारण भी महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा महिलाओं में मोटापा, टीबी , तनाव व अधिक उम्र में शादी में भी गर्भधारण करने में दिक्कत आती है। उन्होंने बताया कि पुरुष में स्पर्म कमजोर होना या अंडाणु विकसित न होने पर भी नयी तकनीक से भी माता पिता बनने का सपना पूरा किया जा सकता है लेकिन कारणों का पता चलने के बाद लोग चमत्कार का इंतजार करते है आैर देर से आईवीएफ व अन्य तकनीक का प्रयोग देर से करते है।

टाक्सिक हार्मोन्स से पुरुष व स्त्री सामान्यतौर पर प्रभावित करते है –

डा. सोहानी वर्मा ने बताया कि फास्टफूड का सेवन पर्सनल डे केयर के प्रयोग से टाक्सिक पदार्थ शरीर के हार्मोंस को प्रभावित करते है। इसमें सबसे ज्यादा डियो, स्प्रे व क्रीम प्रयोग करने से त्वचा प्रभावित होती है, जोकि धीरे- धीरे टाक्सिक जैसे थैलेक्ट आदि प्रवेश कर जाते है। उन्होंने बताया कि शोध में साबित हुआ है कि टाक्सिक हार्मोन्स से पुरुष व स्त्री सामान्यतौर पर प्रभावित करते है। इसके कारण थायराइड, डायबटीज रोग होने की आशंका ज्यादा हो जाती है। अाईवीएफ विशेषज्ञ डा. रितु खन्ना ने बताया कि अब नयी तकनीक आ जाने से टेस्टट्यूब  बेबी की विफलता की आशंका कम हो जाती है।

मुम्बई के डा. साधना देसाई ने हार्मोनल दिक्कतों को दूर करने की जानकारी दी। सोनोग्राफी एक्सपर्ट डा. पीके शाह ने बताया कि सोनोग्राफी, कलरडाप्लर व थ्रीडी अल्ट्रासाउंड से बच्चेदानी के दिक्कतों को स्टडी करके गर्भधारण न करने के कारणों को पता लगाया जा सकता है। डा. नदिंता पालशेतकर ने फाइराइड के चिकित्सा उपचार की जानकारी दी। कार्यशाला में बेस्ट पेपर, बेस्ट पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

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