अलीग कन्वेंशन का किया गया आयोजन

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18 दिसम्बर 2016 को ए0एम0यू0 ओल्ड ब्वायज़ एसोसिएशन लखनऊ के तहत गन्ना संस्थान, डालीबाग़ लखनऊ में “अलीग कन्वेंशन” का आयोजन किया गया। पूरे उत्तर प्रदेश व अन्य प्रदेशों से बडी संख्या में ए0एम0यू0 के भूतपूर्व छात्र एवं अन्य वर्गों के लोग भी सम्मिलित हुए। मुसलमानों, पिछड़े वर्ग व अनुसूचित जाति व जनजाति के गिरते शैक्षिक व सामाजिक स्तर पर चिन्ता जताई गई विशेष रूप से महिलाओं में शिक्षा का स्तर और भी दयनीय है। 80% से अधिक महिलायें हाईस्कूल भी पास नहीं कर पाती।

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दुख की बात यह है कि इन कमज़ोर वर्गों को मुख्यता मुसलमानों को केवल वोट बैंक के तौर पर आजादी के बाद से आज तक प्रयोग किया गया और उनके विकास के लिए बहुत कम काम किया गया। और भी दुख की बात यह है कि जाति धर्म के नाम पर समाज के बांटने वालों के हाथों में सरकारें हैं। विशेष रूप से मुस्लिम समाज को योजनाबद्ध तरीके से शिक्षा व रोज़गार से दूर किया गया। ए0एम0यू0 व जामिया मिलिया इस्लामिया के अल्पसंख्यक किरदार पर हमला इसकी जिन्दा मिसाल है।

समय आ गया है कि ए0एम0यू0 के भूतपूर्व छात्र, उलेमा व दीगर जिम्मेदार व्यक्ति आगे आयें और कमज़ोर व शोषित समाज व महिलाओं के हितों के लिए संगठित हों और एक बड़ी शक्ति बनकर उभरें तथा देश को साम्प्रदायिक शक्तियों से बचाएं और देश का सेकुलर कैरेक्टर बचायें।

कन्वेंशन में निम्न फैसले लिये गये –

1. एक संस्था (मंच) का गठन जिसमें कमज़ोर समाज व सेकुलर विचार के बुद्धजीवी लोग हों और समस्याओं के लिए दिशा निर्देश तय करें।

2. मंच का नाम होगा “फ़ोरम फ़ार मारजिनालाइज़्ड कमुनिटीज़” (शोषित वर्गों का मंच) इस मंच के मुख्य सदस्य होंगेः

  • जस्टिस एम0एस0ए0 सिद्दीक़ी (नोएडा)
  • श्री मोहम्मद अदीब, भूतपूर्व राज्यसभा सदस्य(नई दिल्ली)
  • वैज्ञानिक डा0 इक़तिदार हुसैन फ़ारूक़ी(लखनऊ)
  • श्री सैय्यद कुतुबुर्रहमान (नोएडा)
  • प्रोफ़ेसर आफ़ताब आलम (ए0एम0यू0 अलीगढ़)
  • प्रोफ़ेसर (डा0) शकील अहमद क़िदवई (प्रोफ़ेसर एण्ड हेड, ऐराज़ लखनऊ मेडिकल कालेज, लखनऊ)
  • प्रोफ़ेसर यूनिस फ़रीदी (यूनिवर्सिटी मेडिकल साइंसेज़,दिल्ली)

3. कोर कमेटी को और सदस्यों को बढाने का अधिकार होगा। आगे की कार्य की दिशा, मेमोरेंडम तथा बाइलाज बनाकर रजिस्ट्रेशन कराया जायेगा तथा बैंक खाता खोला जायेगा।

4. फ़ोरम इस प्रकार सदस्य बढायेगा कि पूरे उ0प्र0 से सदस्य होंगे।

5. अपनी जिम्मेदारी को समझते हुये “फ़ोरम” से उन सेकुलर राजनैतिक दलों को सपोर्ट करने का निर्देश होगा जो कमज़ोर वर्ग तथा मुस्लिम समाज की इन मांगों को पूरा करें।

  • ए0एम0यू0 व जामिया मिलिया इस्लामिया के अल्पसंख्यक किरदार को बहाल किया जाये तथा उच्चतम न्यायालय में दायर अपील पर केंन्द्रीय सरकार सहयोग करे।
  • मुसलमानों को आर्टिकिल 341 में संशोधन करके रिजर्वेशन दिया जाये।
  • जेलों में आतंकवाद के नाम पर बन्द निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को रिहा किया जाये।
  • उर्दू मीडियम प्राइमरी स्कूलों की मुस्लिम बाहुल्य आबादियों में स्थापना की जाये।
  • यू0पी0 एजुकेशन कोड-सेक्शन 80(4) में संशोधन करके उर्दू मीडियम सीनियर सेकेन्डरी स्कूल यू0पी0 में खोलने का रास्ता साफ़ किया जाये।
  • हायर सेकेन्ड्री स्कूल मुस्लिम बाहुल्य तथा पिछड़े वर्ग की आबादियों में खोले जाएँ तथा इन क्षे़त्रों में कोचिंग सेंटर खोले जायें।
  • आर्थिक स्तर से कमज़ोर मुस्लिम व पिछड़े वर्गों के लिये सरकारी स्कीमों को लागू किया जाये।
    यदि इन बिन्दुओं पर काम किया जाये तो हमारा देश एक बार फिर एक सुन्दर दुल्हन बन जाएगा जिसकी हिन्दू और मुसलमान दो आखें हों जिसका सपना सर सैय्यद ने देखा था।

प्रोफ़ेसर (डा0) शकील अहमद क़िदवई,
सचिव ए0एम0यू0 ओल्ड ब्वायज़ एसोसिएशन लखनऊ
तथा कन्वेनर अलीग कन्वेंशन

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