कैंसर से सम्बंधित कुछ आम गलतफहमियां

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Photo Source: http://www.yotrythis.com/

त्वचा पर पड़ा कोई भी धब्बा मसलन चित्ती, झाईं आदि कैंसर में तब्दील हो सकता है !

धब्बा अगर सादे रंग का हो तो कोई फर्क नहीं पड़ता , लेकिन भूरे काले रंग का गोल धब्बा रंगहीन और सपाट होने पर कैंसर में तब्दील हो सकता है . इसलिए इस तरह के धब्बों की डॉक्टरी जाँच करवाते रहना चाहिए .

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गोखरू (कॉर्न) कभी भी कैंसर युक्त हो सकता है !

शरीर के किसी भी अंग में कैंसर हो सकता है , लेकिन गोखरू कैंसर में तब्दील हो जायेगा, ऐसा दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है .

कैंसर से पहले शारीरिक विकृतियाँ होना जरूरी नहीं !

ऐसा नहीं है . अंतर त्वचा पर सफ़ेद दाग पड़ना, त्वचा पर खासतौर से मुंह पर खुजली युक्त खुरदुरा दाग पड़ना, टेड़े-मेढे दांत या ठीक तरह से बंद न हो सकने वाले दांत से मसूड़े का क्षतिग्रस्त होते रहना और ठीक न होना, शरीर पर हुआ जलन पैदा करने वाला रंगीन घेरा, डिलीवरी के समय होने वाला ऐसा घाव जिसका इलाज न हुआ हो वगैरह कैंसर से पहले की शारीरिक विकृतियाँ ही हैं . ऐसा होने पर फ़ौरन डॉक्टरी सलाह लें .

कैंसर के शुरूआती लक्षण नहीं होते !

ज्यादातर मामलों में इसके सात प्रमुख लक्षण मिलते हैं –

  • न भरने वाला घाव
  • स्तन या किसी अन्य जगह पर गांठ का होना
  • असामान्य रक्तस्राव या किसी दूसरी तरह का रिसाव
  • तिल या मस्से में आने वाला बदलाव
  • लगातार कब्जियत का होना, भोजन निगलने में तकलीफ
  • लगातार सादी खांसी या कफ के साथ खांसी
  • शौच की सामान्य आदतों में बदलाव

किसी विटामिन की कमी का कैंसर से सम्बन्ध नहीं है !

विटामिन ‘बी ‘ की कमी से कुछ लोगों की पेशियों में बदलाव होता है , जो बाद में कैंसर कारी हो जाता है . अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार ये कहा जा सकता है की किसी एक किस्म के आहार के साथ दूसरी किस्म का आहार लेने से न तो कैंसर हो सकता है और न ही इसके ठीक होने की सम्भावना रहती है . लेकिन तली भुनी चीजों और मांस पर यह संदेह किया जाता है की इनके खाने से कैंसर हो सकता है . ऐसा समझा जाता है की हरे साग, गोभी के अलावा कुछ प्रकार की सब्जियां व फल कैंसर को रोकें में मददगार साबित हो सकते हैं .

कैंसर की बीमारी पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली बीमारी है !

कुछ प्रकार के कैंसर खानदानी हो सकते हैं . लेकिन यदि किसी माता पिता या उनमें से किसी एक को भी कैंसर हुआ तो उसे कैंसर का शक पैदा करने वाले लक्षणों के प्रति ज्यादा सतर्क रहना चाहिए . वैसे आँख के कैंसर को छोड़कर आमतौर से कैंसर पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला मर्ज नहीं है .

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