निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान चिकित्सा व्यवस्था निर्वाध रखने के लिए फार्मेसिस्टों को निर्वाचन ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग

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आज राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग से मिलकर फार्मेसिस्टों को इलेक्शन ड्यूटी से मुक्त रखने का अनुरोध पत्र सौंपा गया, आयोग ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ही निर्णय लिया जाना संभव है , इसके पश्चात तुरंत भारत निर्वाचन आयोग को ईमेल से पत्र भेजा गया । प्रतिनिधिमंडल में राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार, उपाध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव भी उपस्थित थे ।

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ज्ञातव्य है कि आकस्मिक सेवाओं के कर्मियों चिकित्सकों, नर्सेस, वेटेनरी चिकित्सक, वेटेनरी फार्मेसिस्ट को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने के आदेश भारत चुनाव आयोग ने जारी किये हैं, परन्तु उक्त आदेश में चिकित्सा विभाग के फार्मेसिस्टों , आयुर्वेदिक एवं  होम्योपैथिक फार्मेसिस्टों के लिए स्पष्ट निर्देश नहीं है। भारत निर्वाचन आयोग के आदेश को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने भी सभी जिला निर्वाचन अधिकारियो को निर्देश जारी कर दिए है।

अनेक चिकित्सालयों की 24 घण्टे आकस्मिक सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं –

निर्वाचन के दौरान सभी चिकित्सालय अलर्ट होते हैं, ऐसे में फार्मेसिस्ट को इलेक्शन ड्यूटी से मुक्त रखा जाना आवश्यक है, । अगर फार्मेसिस्टों की ड्यूटी लग जाती है तो अधिकांश ग्रामीण चिकित्सालय फार्मेसिस्ट की अनुपस्थिति में बंद हो जायेंगे, वहीं अनेक चिकित्सालयों की 24 घण्टे आकस्मिक सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं । औषधि वितरण भी प्रभावित होगा ।

इसको देखते हुये जनहित में आज फार्मेसिस्ट महासंघ ने आयोग से अनुरोध किया कि फार्मेसिस्टों को भी इलेक्शन ड्यूटी से मुक्त रखे जाने के  संबंध में स्पष्ट निर्देश सभी जनपदों के निर्वाचन अधिकारियो को प्रेषित किया जाये ।

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