केजीएमयू में लावारिस का वारिस तलाशने में जुटे डाक्टर

0
992

लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का न्यूरो सर्जरी विभाग लावारिस मरीज का इलाज करने के साथ ही वारिस तलाशने में जुटा है। डाक्टरों के अनुसार यह मरीज जब विभाग में भर्ती कराया गया था, तब बोल व पहचान भी नहीं पाता था। इलाज के बाद अब टूटे फूटे शब्दों में वह अपने घर का पता व परिजनों का नाम बताएं है। डाक्टर अब मरीज के द्वारा बताये गये पते के आधार पर घर की जानकारी जुटानी शुरू कर दी।

Advertisement

जूनियर डाक्टर व सीनियर रेजीडेंट भी इस लावारिस मरीज के इलाज में जुट गये –

केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में एक सितम्बर वर्ष 2016 को एक युवक को लावारिस व बदहवास हालत में मिला था। काफी कोशिशों के बाद भी उसके वारिसों का पता नहीं चल सका था। मरीज उस वक्त अपना नाम तक नहीं बता पा रहा था। इस मरीज को न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया था। यहां पर विभाग प्रमुख डा. बी के ओझा के निर्देश पर इस मरीज का इलाज कराना शुरू किया। उनके साथ जूनियर डाक्टर व सीनियर रेजीडेंट भी इस लावारिस मरीज के इलाज में जुट गये। अब उनकी मेहनत रंग ला रही है। डा. ओझा बताते है कि यह मरीज इलाज के बाद अब कुछ टूटे फूटे शब्द बोलने लगा है। अपना नाम लल्लाराम , पिता का नाम राम दुलारे, मां का नाम पार्वती, भाई का नाम संजय आैर सीतापुर के महाली निवासी बता रहा है।

डा. ओझा का कहना है कि अब सीतापुर के अस्पतालों व अन्य सम्पर्को से मरीज की जानकारी देकर पता करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि किन कारणों से यह युवक परिवार से अलग हो गया है। अगर परिजन मिल जाए तो जीवन बन जाएगा। ठीक के होने के बाद यहां पर भर्ती रह कर क्या कर सकता है।

Previous articleपीजीआई में अब नवीन भवन में चलेगी पुरानी ओपीडी
Next articleकेजीएमयू में खेल, बड़ों को माफी छोटों को जेल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here