डॉ.राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में में अब नवजात शिशुओं को इलाज के लिए लौटाया नहीं जायेगा। सोमवार से नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) में नवजातों का इलाज मिलना शुरू होगा। हालांकि पहले से अस्पताल में 12 बेड का एनआईसीयू यूनिट संचालित था, जो कि मरीजों की सं या की तुलना में पर्याप्त नहीं था। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमएल भार्गव ने बताया १२ नये एनआईसीयू के इजाफा होने से मरीजों को को काफी राहत मिलेगी।
सीएमओ की ओर से अस्पताल का निरीक्षण कर पहले ही किया जा चुका है –
गोमतीनगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अब नवजात शिशुओं को एनआईसीयू बेड के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. भार्गव ने बताया कि एनआईसीयू यूनिट बनकर तैयार हो गई है। इसमें छह-छह वार्मर और फोटोथैरेपी मशीन लगाई जा चुकी हैं। हालांकि नर्सो व स्टाप की कमी के कारण यूनिट करीब दो माह से यूनिट शुरू नहीं हो पा रही थी। सीएमओ की ओर से अस्पताल का निरीक्षण कर पहले ही किया जा चुका है। संविदा पर छह नर्सों को तैनात किया गया है। लोहिया अस्पताल में 12 बेड का एनआईसीयू पहले से हैं। 12 बेड की एक और यूनिट शुरू होने से एक साथ 24 नवजात बच्चों का इलाज मिल सकेगा।
डॉ.भार्गव ने बताया कि एसएनसीयू में वार्मर, फोटोथेरेपी,सी मैप समेत अन्य कई सुविधाएं उपलब्ध है। ये सभी सुविधाएं मरीजों को नि:शुल्क मुहैया करायी जा रही है। अस्पताल के निदेशक डॉ.डीएस नेगी ने बताया कि अस्पताल में रोजाना औसतन २० महिलाओं का प्रसव होता है। इनमें करीब दो से तीन से नवजात पीलिया व दूसरे बीमारियों से पीडि़त होते है। इन जवजात शिशुओं को मशीन की आवश्यकता सेकाई के लिए होती है।