नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में तीन साल से जेल में बंद आसाराम की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आसाराम की जमानत याचिका ग्यारहवीं बार खारिज हुई है। आसाराम ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी थी। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आज आसाराम को करारा झटका देते हुए आदगश दिया कि स्वास्थ्य से जुड़े फर्जी दस्तावेज पेश करने के मामले में उन पर नई एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ने आसाराम पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका है।
फर्जी दस्तावेज पेश करने के मामले में नई रपट दर्ज के आदेश, जुर्माना भी लगा –
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि मामले को बेवजह ज्यादा खींचा गया। गवाहों पर हमले करवाए गए जिनमें से दो की मौत हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आसाराम का स्वास्थ्य इतना खराब नहीं है कि उन्हें जमानत दी जाए। कोर्ट ने आसाराम की ओर से स्वास्थ्य से जुड़े फर्जी सर्टिफिकेट पेश करने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई और नई एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। कोर्ट ने आसाराम पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। आसाराम ने तमाम बीमारियों का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया था कि उसका इलाज केरल में आयुर्वेद पद्धति से ही संभव है। ऐसे में उन्हें वहां जाकर इलाज कराने की परमिशन दी जाए।
एक नाबालिग ने आरोप लगाया था कि 15 अगस्त 2013 को आसाराम ने जोधपुर के निकट मणाई गांव स्थित एक फार्म हाउस में उसका यौन उत्पीड़न किया। 20 अगस्त 2013 को लड़की दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ केस दर्ज कराया। जोधपुर का मामला होने के कारण दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच करने के लिए जोधपुर भेजा। 31 अगस्त 2013 को पुलिस इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई। उसके बाद से वह जोधपुर जेल में ही बंद हैं।