बसंती मौसम में एलर्जी से संभले

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लखनऊ। बसंती मौसम में फूलों के परागकणों व धूल से एलर्जिक प्रतिक्रिया के कारण नाक में एलर्जी हो जाती है। इसके होने पर सिर दर्द, आंखों और गले में खुजली, नाक से पानी बहना और छींकें आती हैं। आयुर्वेद के अनुसार इस प्रकार की एलर्जीज नर्व सिस्टम के ज्यादा संवेदनशील होने के कारण होती हैं।

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कारणः

बदहजमी, धूम्रपान के दौरान धुएं और धूल का सांस द्वारा अंदर जाने, रात में जागने, दिन में सोने, ठंडे और ठिठुरन वाले मौसम में बाहर निकलने, सेक्सुअल एक्टिविटी में वृद्धि होने, सीजन के साथ संतुलन ना होने और प्राकृतिक इच्छाओं का दमन हाने के कारण एलर्जी हो जाती है।

लक्षणः

  1. नाक में गुदगुदाहट वाली हलचल और जलन होना
  2. छीकें आना
  3. शरीर में दर्द होना
  4. आंखों में पानी आना
  5. नाक बहना
  6. खांसी
  7. सिर में दर्द और भारीपन आना
  8. आवाज का बैठना

आयुर्वेद दृष्टिकोण

आयुर्वेद के अनुसार नाक की एलर्जी शरीर में मौजूद अमा नामक विषैले तत्वों और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण होती है। धीरे धीरे जमा होने वाला अमा शरीर में कफ की मात्रा बढ़ा देता है। इससे एलर्जीज के विभिन्न लक्षणों को बढ़ावा मिलता है। आयुर्वेद का मानना है कि मानव शरीर में मौजूद तीनों दोष संतुलन में होने चाहिएं ताकि बीमारी का पूर्णरूप से उपचार किया जा सके। उपचार के दौरान साइनस को साफ किया जाता है और बलगम को बाहर निकाल कर उपयुक्त दोष एवं विषैले तत्वों को समाप्त कर दिया जाता है। इस विकार के पूर्ण समाधान के लिए प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के साथ साथ आहार और जीवनशैली में सुधार करना बेहद जरूरी है। पंचकर्म एलर्जिक राइनीटिस के उपचार के लिए कारगर साधन है।

आहार और जीवनशैली संबंधी सलाह

1. ताजा खाना खाएं
2. सड़े और जंक फूड से बचें
3. कफ बढ़ाने वाले फूड जैसे डेयरी, गेंहू, शूगर, आलू, टमाटर, केला, संतरा और पके हुए फलों से परहेज करें
4. धूल या ठंडे स्थान पर अपनी नाक को ढक्कर रखें
5. नाक से सांस लेने में परेशानी होने पर भाप लें
6. खुले में ना सोएं और सोने से पहले खुद को अच्छे से ढ़क लें

घरेलू नुस्खे

1. आधा चम्मच कसा हुआ अदरक दूध में उबाल लें। इसमें एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर की डालें। इसे एक दिन में 2-3 बार लें। हल्दी प्राकृतिक रूप से इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करता है और एलर्जिक राइनीटिस में बहुत कारगर है।
2. भारतीय करौदा (आंवला) फल का आधा चम्मच पाउडर शहद की 1 चम्मच के साथ मिक्स करें। इसें एक दिन में दो बार लें।
3. आधा चम्मच मुलैठी जड़ पाउडर, एक चौथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर और एक चम्मच ताजा कसी अदरक को तुलसी के 8 10 पत्तें के साथ एक कप पानी में उबालकर काढ़ा तैयार करें। इसे पकाते हुए लिक्विड की मात्रा आधी कर लें। आप चाहें तो इसमें आधा चम्मच चीनी भी डाल सकते हैं। रोजाना सुबह शाम चाय या कॉफी के स्थान पर इसे गुनगुना करके पीएं।
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