ब्लड डायवर्जन मेडिसिन से बच सकती है मरीज की जान !

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लखनऊ। हार्ट अटैक पड़ने के बाद मरीज को जीवन को सुरक्षित करने के लिए गोल्डन पीरियड में ब्लड डायवर्जन मेडिसिन दे देनी चाहिए, पर इसकी जानकारी अभी भी बहुत कम डाक्टरों को लोगों को होती है। अगर अस्पताल दूर हो तो यह दवाएं मरीज के लिए वरदान साबित होती हंै। सभी इमरजेंसी डाक्टरों को इन दवाओं की जानकारी से अपडेट रहना चाहिए। इस तरह के महत्वपूर्ण जानकारी व अपडेट कार्डियोकॉन में डाक्टरों को दी जाएगी। यह जानकारी शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में डा. शरद चंद्रा ने दी। पत्रकार वार्ता में डा. अक्षय प्रधान व डा. गौरव चौधरी मौजूद थे।

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ब्लड डायवर्जन मेडिसिन दिया जा सकता है –

डा. शरद ने बताया कि अगर किसी को हार्ट अटैक पड़ता है तो उसे जल्दी से जल्दी निकट के ही अस्पताल ले जाया जाता है। वहंा पर तत्काल जीवनरक्षक दवाओं से उसका इलाज नहीं हो पाया आैर हालत गंभीर होने पर उसे बड़े अस्पताल रेफर कर दिया गया। रास्ते में जाने में देर होने से दवाअों से उसकी दिक्कतों को कम किया जा सकता है आैर उसे ब्लड डायवर्जन मेडिसिन दिया जा सकता है, उन्होंने बताया कि इन दवाओं की जानकारी इमरजेंसी में तैनात सामान्य डाक्टरों को होनी चाहिए। ताकि मरीजो का गोल्ड टाइम को बढ़ाया जा सके है।

डा. गौरव चौधरी ने बताया कि अभी लोगों में जागरूकता की कमी है कि हार्ट अटैक के बाद मात्र आठ प्रतिशत लोगों को ही समय पर सही इलाज मिल पाता है। उन्होंने बताया कि अभी लोग तत्काल एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी कराने में हिचकते है। डा. शरद ने बताया कि कार्डिकान 2017 में कार्डियक विशेषज्ञ नयी अपडेट करेंगे। यह कार्डियोलॉजिकल सोसायटी का 23 वां अधिवेशन है। इसमें लगभग सात सौ डाक्टर भाग लेंगे।

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