लखनऊ। निजी अस्पताल या नर्सिंग होम मनमाने तरीके से किसी भी प्रकार की सर्जरी करके राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से भुगतान नहीं ले सकेंगे। योजना के तहत अस्पताल के विशेषज्ञ जिन बीमारियों की सर्जरी के लिए अधिकृत होंगे। उसी प्रकार की सर्जरी व मरीजों का इलाज कर सकेंगे।
दिसम्बर 2015 में हुई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना बंद हो गयी थी। यह योजना एक बार फिर शुरू होने जा रही है। अगर सब कुछ सही रहा तो योजना के अनुसार बीस मार्च से दोबारा कार्ड बनना शुरू हो जाएंगे। बताया जाता है कि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत चल रही इस योजना में बड़ा परिवर्तन किया जा रहा है। सीएमओ के यहां पंजीकृत अस्पताल या नर्सिग होम जिन सर्जरी व इलाज के लिए मानक पूरे करते है। उन्हीं का पंजीकरण किया जाता है। बताया जाता है कि अस्पताल में जिन बीमारियों की सर्जरी की सुविधा नहीं होती है तो उसकी भी सर्जरी कर देते है। अब जिस बीमारी के अधिकृत होगे उसी की सर्जरी को करेंगे आैर उन्ही मरीजों का भुगतान भी किया जाएगा। योजना से जुड़े अधिकारी बताते है कि सामान्य अस्पताल जहां पर जनरल सर्जरी के लिए आपरेशन थियेटर में उपकरण भी मानक पूरा नहीं करते थे।
वह कैंसर व अन्य बीमारियों का इलाज व सर्जरी तक कर रहे थे। विशेषज्ञ डाक्टर भी उन्हें अस्पताल में पंजीकृत नहीं थे। ऑन काल के नाम बुलाकर मरीजों का इलाज व सर्जरी बहुत की गयी। दोबारा शुरू हो रही योजना में अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित आपरेशन थियेटर, इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) ब्लड स्टोरेज के साथ ही पैरामेडिक ल भी प्रशिक्षित होना चाहिए। ऑनकाल डाक्टर बुलाने का कारण भी स्पष्ट करना होगा। इस बार दोबारा निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम का चयन किया जाएगा।