लखनऊ । नेशनल यूनानी डॉक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में शनिवार को होटल सेलविटी में आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी ‘बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य एवं मानसिक बीमारियों के बारे में आम सोच”” विषय पर डा. शाजिया वकार सिद्दीकी आैर एरा मेडिकल कालेज के डा. एम अलीम सिद्दीकी ने व्याख्यान किया। डा. शाजिया ने बताया कि हर बच्चा प्यार और अनुशासन से पाला जाना चाहिए। बच्चों का गलत व्यवहार को चीखकर और मारपीट कर सुधारे नहीं जा सकते बल्कि बच्चों के साथ प्यार दिखाना चाहिए। नियम का पालन कराने के लिए बड़ों को खुद भी नियम का पालन करना चाहिए और जो बात सही है उस पर कायम रहना चाहिए।
टीवी, फोन, टेबलेट्स सिर्फ निर्धारित समय के लिए ही दीजिये। डा. अलीम सिद्दीकी ने बताया कि अक्सर लोगों के मन में मानसिक बीमारियो के बारे में कुछ गलत धारणा पैदा हो जाती है जिसमें सबसे आम मानसिक बीमारी, शरीर की कमजोरी है। जिन्दगी में अगर सब कुछ अच्छा चल रहा हो तो हमें मानसिक बीमारी नहीं हो सकती है। एक बार बीमार हो गये तो कभी ठीक नहीं हो सकते। दवा एक बार शुरू होने के बाद जिन्दगी भर खानी पड़ेगी। दवा के बहुत भयानक साइड इफेक्ट होते हैं बल्कि ऐसा कुछ भी नहीं है। मानसिक बीमारी किसी को भी कभी भी हो सकती है।
इसका बहुत सफल इलाज है। मानसिक बीमारी को भी अन्य बीमारी की तरह समझे। संगोष्ठी में प्रमुख रूप से डा. अशरफ, डा. अलाउद्दीन, डा. निहाल, डा. रईस, डा. अतीक अहमद, डा. सबीहा मोईद, डा. रूशी नाज, डा. सलमान खालिद, डा. मुज्तबा उसमानी, डा. आसिफ अली, डा. अहमद रजा, डा. सैफ प्रमुख रूप से मौजद रहे।