लखनऊ – उत्तर प्रदेश में अपराध के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए भले ही कानून व्यवस्था बदहाल होने का सवाल उठना लाजिमी है। पुलिस और प्रशासन के अपने तर्क है। आंकड़े कितने भी बढ़ जाएं मगर जनता को सुरक्षा और सुरक्षित माहौल देना उनकी पहली प्राथमिकता है। पुलिस को इसी दिशा में कार्य करने की हिदायत दी गयी है। पुलिस में दर्ज अपराधों की संख्या गवाह है कि पिछले साल की तुलना में हत्या, दुष्कर्म, लूट के औसत मामलों में इजाफा हुआ है। पुलिस महानिदेश मुख्यालय में पहुंचने वाले पीड़ितों की संख्या बढ़ी है, जो जिला मुख्यालयों पर सुनवाई न होने का प्रतीक है।
हालाँकि पुलिस अधिकारियों और प्रशासन का तर्क है कि छोटे बड़े आपराधिक मामले अब दर्ज होने लगे है। जबकि पिछली सरकार में मामले दर्ज ही नहीं होते थे। अब दर्ज होने लगे है इसलिए आंकड़ों में बढ़ोतरी दिख रही है, मगर आम लोगों में सुरक्षा का भाव बढ़ा है। छेड़छाड़, रोड होल्डअप, अपहरण की वारदातों में कमी आई है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के बाद पुलिस के प्रशासनिक में बदलाव किया। रेंज का जिम्मा आइअीजी जोन, एडीजी के हवाले किया। आइजी स्तर के अधिकारी को कानपुर का एसएसपी बनाया।
यह संदेश गया कि थानों, चौकी में जाति विशेष का समय गया मगर पुलिस की कार्यशैली में बदलाव नहीं दिखा। सबका साथ, सबका विकास की अवधारणा थानों में नहीं दिखी। चाहे वह पेट्रोल पम्पों में घटतौली के विरूद्ध अभियानचला, एफआइआर दर्ज हुई मगर गिरफ्तारी नहीं हुई। वहीं ऊंचाहार में 5 लोगों को जिंदा जलाया गया, दोषियों पर त्वरित कार्रवाई के स्थान पर एक मंत्री आरोपितों के पक्ष में उतर आये। इससे पुलिस के इकबाल को धक्का लगा। अपराधियों का हौसला बढ़ा। वर्ष 2001 में समाजवादी सरकार बनने के बाद ताबड़तोड़ वारदातें हुई थीं, तब मुलायम सिंह ने इसी अंदाज में चेताया था कि कानून व्यवस्था सुधरने की जरूरत है।
पूर्व डीजीपी अरविंद जैन का कहना है कि सरकार कानून व्यवस्था सुधरना चाहती है इसमें संदेह नहीं है, मगर अधिकारियों को छूट और संरक्षण देना होगा।
पुलिस महानिदेशक मुख्यालय पहुंची शिकायतें-
बड़े अपराध-
- मथुरा में व्यापारियों की हत्या, लूट।
- इलाहाबाद में लड़कियों से दुष्कर्म के बाद हत्या।
- सहारनपुर में सांप्रदायिक फिर जातीय हिंसा, कई मरे।
- जेवर में महिलाओं से लूटपाट और सामूहिक दुष्कर्म।
- आगरा में भाजपा नेता की हत्या के बाद उपद्रव।
- आजमगढ़ में जहरीली शराब से तीन दर्जन लोगों की मौत।
- आइएएस अनुराग की लखनऊ में संदिग्ध मौत।
- रायबरेली के ऊंचाहार में पांच ब्राहम्णों को जला डाला गया।
- सीतापुर में दम्पती व बेटे की हत्या कर लाखों की लूट।
- लखनऊ में दो सगी बहनों की हत्या, सीरियल डकैती।
अपराध के आंकड़े-
वर्ष | डकैती | लूट | हत्या | दुष्कर्म |
दहेज |
2016 | 263 | 4080 | 4667 | 3419 | 2407 |
2015 | 251 | 3324 | 4586 | 2747 | 2282 |
2014 | 244 | 3469 | 4930 | 3050 | 2376 |
2013 | 505 | 3235 | 4796 | 2710 | 2239 |
2012 | 216 | 2804 | 4756 | 1803 | 2135 |
नोट- ये आंकड़े 30 जून 2017 तक के हैं।