लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सोमवार को डा. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में छह बिस्तरों के कार्डियक यूनिट का शुभारम्भ किया। इस यूनिट में कार्डियक के मरीजों को निशुल्क इलाज मुहैया कराया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने इसके अलावा अस्पताल के स्त्री रोग विभाग में इंफर्टिलिटी ( बांझपन) यूनिट का भी शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज के लिए संसाधनों को मुहैया करा रही है।
अस्पताल में दोनों यूनिटों का शुभारम्भ करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि लोहिया अस्पताल में कार्डियक यूनिट शुरु होने के बाद यहां पर ह्रदय रोगियों को मुफ्त इलाज आसानी से दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यहां अस्पताल में दूर -दराज से मरीज इलाज कराने के लिए आते है। यहां पर मरीजों को उच्चगुणवत्ता सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध होने से गरीब मरीजों को भी बेहतर लाभ मिल सकेगा। इसके अलावा अस्पताल में इंफ र्टिलिटी (बाझपन ) यूनिट नहीं थी।
अस्पताल प्रशासन ने इलाज की मांग को देखते हुए यह यूनिट शुरु करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। स्वास्थ्य मंत्री ने यूनिट का शुभारम्भ करते हुए कहा कि अब यहां पर इंफ र्टिलिटी यूनिट के शुरू हो जाने से जो महिलायें बांझपन की समस्या का परामर्श व इलाज भी मुहैया कराया जा सकेगा। यहंा पर बेहतर इलाज मिलने के साथ ही इसके लिए उन्हें किसी और अस्पताल का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। महिलाओं की काउंसलिंग योग्य व प्रशिक्षण डाक्टरों से यहीं पर हो सकेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने लोहिया संस्थान व लोहिया अस्पताल के विलय पर उन्होंने कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
यहां पर अस्पताल के निदेशक डा. डी.एस. नेगी ने कहा कि लोहिया अस्पताल प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल है जहां पर इंफर्टिलिटी क्लीनिक शुरू की जा रही है। उन्होंने बताया कि यहां से तीन महिला डाक्टरों को आगरा प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। अस्पताल में अब तक इंफ र्टिलिटी का इलाज फैमिली बेस पर किया जाता था। शुरूआत में केवल आईयूआई ट्रीटमेंट किया जायेगा। उसके बाद टेस्ट ट्यूब बेबी का भी इलाज व शुरु आत किया जायेगा।
डा. डी.एस. नेगी ने बताया कि अस्तपाल में ह्रदय चिकित्सा इकाई के शुरू हो जाने से मरीजों को परामर्श और उपचार पूरी तरह नि:शुल्क होगा। इस अवसर पर अस्पताल के निदेशक डा. डी.एस. नेगी, चिकित्सा अधीक्षक डा. एमएल भार्गव, महिला चिकित्सा अधीक्षक डा. सविता ,बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डा. राजीव लोचन और सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. आशुतोष दुबे प्रमुख रूप से उपस्थित थे।