लखनऊ .आज के जमाने में भी टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन कर दिया जाता है सुनने में अटपटा डा जरूर लगेगा लेकिन यह है हकीकत स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में नियमों को ताक पर रखकर टॉर्च की रोशनी में करीब 35 मरीजों की आंख का ऑपरेशन कर दिए और सभी पीडि़तों को बेड के बजाए जमीन पर लिटा दिया। इससे इन मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा बन गया था . मंगलवार को मामले सामने आने पर शासन में खलबली मच गई .
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्दार्थनाथ सिंह ने आरोपियों पर कार्रवाई करते उन्नाव सीएमओ डॉ. राजेंद्र प्रसाद को हटा दिया है, साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. देवेश दास को निलंबित कर दिया है। शासन ने मामले की जांच सीडीओ को देते हुए तीन दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिया है। इस दौरान डॉ. शैलेंद्र कुमार को उन्नाव का कार्यवाहक सीएमओ बनाया गया है। नवाबगंजसीएचसी में बीते सोमवार को कानपुर की एनजीओ जगदम्बा सेवा समिति द्वारा मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए निशुल्क कैम्प का आयोजन किया गया। कैम्प में जुटे मरीजों के एनजीओ संचालक द्वारा बिजली के अभाव में टॉर्च लगाकर ऑपरेशन किए गए। हालांकि स्वास्थ्य केंद्र में जेनरेटर जैसी वैकल्पिक सुविधा मौजूद थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने न तो जनरेटर चालू करवाया, और न ही एनजीओ की ओर से कोई दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था की गई।
इतना लापरवाही की की सारी हदें तो तब पार कर दी जब मरीजों को ऑपरेशन के बाद बेड के बजाए जमीन पर लिटा दिया। जिसकारण सभी मरीज ऑपरेशन के बाद कड़ाके की ठंड के बावजूद खुले में जमीन पर लेटे रहे।
– इतना सब होने के बावजूद सीएमओ उन्नाव डॉ. राजेंद्र प्रसाद और सीएचसी अधीक्षक डॉ. अर्जुन सिंह सारंग की ओर से कोई कार्यवाह न करना मामले में इनकी भूमिका पर सवाल खड़े कर रहा है। आखिर किस वजह से जगदम्बा सेवा समिति को उन्नाव जिले में नियमों को ताक पर रखकर मनमर्जी करने का मौका दिया गया। इस संबंध में महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. पदमाकर सिंह का कहना है कि मामले को गंभीरता से लेते जांच के आदेश दिए गए है। उन्होंने कहा कि तीन दिन में रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।महानिदेशक के अनुसार सीएमओ उन्नाव को हटाकर सीएचसी अधीक्षक डॉ. देवेश को प्रभारी निलंबित कर दिया गया है।