लखनऊ। डायबटीज बीमारी में अब ऐसी नयी दवाएं आ गयी है, जो कि आपके हार्ट को भी सुरक्षित रखने को कार्य करेगी। इन दवाओं का सेवन अपने विशेषज्ञ डाक्टर से जांच व परामर्श कराने के बाद ही करना चाहिए। यह जानकारी वरिष्ठ डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डा. समीर ने रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबटीज यूपी चैप्टर का सातवी दो दिवसीय काफ्रेंस में दी। यह काफ्रेंस शनिवार को गोमती नगर के इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में आयोजित किया गया। काफ्रेंस का उद्घाटन मध्य इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अध्यक्ष डा. शौकत एम सादीकोट ने किया। काफ्रेंस में विशेषज्ञों ने डायबिटीज से बचाव शोध कार्यो पर चर्चा की। काफ्रेंस में इरा मेडिकल कालेज के कुलपति प्रो. अब्बास अली मेहदी, केजीएमयू के डा. नरसिंह वर्मा आदि मौजूद थे।
विशेषज्ञ डा. समीर ने बताया कि डायबटीज के मरीज अगर एक दवा को लगातार सेवन कर रहे है आैर काफी समय से जांच भी नहीं करायी है, तो विशेषज्ञ डाक्टर से जांच करानी चाहिए आैर उसके आधार पर नयी दवाओं का सेवन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि डायबिटीज की नयी दवा इंजेक्शन व ओरल दोनों प्रकार से ली जा सकती है। यह विशेषज्ञ डाक्टर पर निर्भर करता है कि वह आपको किस प्रकार की दवा दे। उन्होंने बताया कि नयी दवा डायबिटीज पर नियंत्रण के अलावा हार्ट फेल्योर होने से बचाता है आैर सुरक्षित रखने में भी मदद करता है। उन्होंने बताया कि डायबिटीज के नये शोध में चिया बीज पर शोध चल रहा है। इसके अलावा अगर देखा जाए तो अलसी का भी सेवन डायबिटीज में फायदा होता है। उन्होंने बताया कि अगर बिना वजह के वजन कम हो रहा हो, हाथ व पैर में लगातार दर्द बना रहता है, भूख ज्यादा लगती है, नजर धुधंली हो रही हो आदि लक्षण दिखे तो विशेषज्ञ डाक्टर से परामर्श के बाद जांच कराना चाहिए।
डा. समीर ने बताया कि किशोरावस्था के बच्चों में पहले टाइप वन की डायबिटीज मिलती थी। अब टाइप- टू की डायबिटीज मिलती है। विशेषज्ञ डा. वरेश ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों को आहार से लेकर रहन सहन का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि इन मरीजों को पैरों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्हांेने बताया कि स्नान के बाद पैरो में नारियल का तेल लगाना चाहिए, खास पर पंजे के पोर को अवश्य साफ रखे। इसके अलावा मोजा कॉटन का प्रयोग करे। इन मरीजों को जूता शाम के वक्त मोजा पहन कर ही नाप लेनी चाहिए।
इसके अलावा पंजा चौड़ा होना चाहिए। आयोजन सचिव डा. जलीस फातिमा ने बताया कि बच्चों को खेलने की आदत डालनी चाहिए, इन डोर हो या आउटडोर गेम पर उसे खेलना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि छोटे से लेकर किशोरावस्था तक डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मोटापा उस पर हावी नही होना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रोटीन व विटामिन का सेवन तो ठीक है लेकिन कार्बोंहाइट्रेड का सेवन कम करना चाहिए। समिति के अध्यक्ष डा. अनुज माहेश्वरी ने बताया कि इस आयोजन में लगभग एक हजार डाक्टर भाग ले रहे है। कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के कुछ नोडल अधिकारी को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी।
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