लखनऊ। राजधानी में सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा हैं। मनकामेश्वर मंदिर में भव्य सजावट के साथ सुबह की आरती हुई। साथ ही भक्तों ने बढ़-चढ़कर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। इसके अलावा ठाकुरगंज स्थित कल्याणगिरी मंदिर से सुबह भोर में ही शिव बारात एवं कलश यात्रा निकाली गई। देर शाम को महा आरती के बाद भी काफी संख्या में लोग महाकाल के दर्शन के लिए लाइन लगाये खड़े थे। इसके साथ शहर के अन्य कई जगहों से शिव बारात निकाली गयी।
इसके अलावा प्रदेश के गोण्डा में एशिया महाद्वीप का सबसे ऊंचा साढ़े पांच फुट काले कसौटी से निर्मित महाभारत काल में स्थापित शिवलिंग वाला पृथ्वीनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर आज भोर से ही दुग्ध, गंगाजल, शहद और पविा सामग्रियों से जलाभिषेक कर पूजन अर्चना करने वाले नेपाल एवं दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
प्रदेश में महाशिवरात्रि पर्व कल भी कई स्थानों पर मनाया गया और कुछ स्थानों पर आज भी यह पर्व मनाया जा गया। शिवालयों में शिवभक्त बेलपा, धतूरा, भांग और पुष्प से पूजन कर रहे है। पृथ्वीनाथ मंदिर गोण्डा जिला मुख्यालय से करीब तैंतीस किलोमीटर दूरी पर खरगूपुर क्षेत्र में स्थित है।
मान्यताओं के अनुसार लगभग पांच हजार वर्ष पूर्व महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इसी क्षेत्र में डेरा डाला था। क्षेा में ब्रामास नामक दैत्य ने अत्याचार का आतंक फैला रखा था। दैत्य से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिये महाबली भीम ने ब्रामास का वध कर दिया, लेकिन उसके श्राप से बचने के लिये उसने माता कुन्ती के कथन पर वही पर एक भव्य विशाल शिवलिंग स्थापित कर दिया।
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